National Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, नई पेंशन स्कीम को रिव्यू करेगी सरकार
National Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम को वापस लागू करने की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार (24 मार्च 2023) को संसद में फाइनेंस बिल पेश करने के दौरान इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करने के लिए फाइनेंस सेक्रेटरी की अगुवाई में एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करेगी।
आपको बता दें कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों पर लगातार दवाब बढ़ता जा रहा है। वहीं देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है वहीं ज्यादातर राज्यों के कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की लगातार मांग कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम 5 राज्यों में को लागू कर चुकी है जिसमें राजस्थान ,छत्तीसगढ़ ,झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं कई राज्यों में अभी तक पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं किया गया। इसके बाद अन्य राज्यों की सरकार पर फिर से इसे लगू करने का दवाब लगातार बढ़ता जा रहा है।
I propose to set up a committee under the Finance Secretary to look into the issue of pensions & evolve an approach which addresses needs of employees while maintaining fiscal prudence to protect common citizens.
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) March 24, 2023
- Smt @nsitharaman speaking on The Finance Bill 2023 in LS. (1/2) pic.twitter.com/kepUqz12t1
जिन पांच राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया गया है उनमें से चार में कांग्रेस या कांग्रेस गठबंधन की सरकार हैं, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। लोकसभा चुनाव से पहले जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कई पार्टियों ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है।
दरअसल 1 अप्रैल 2004 को तत्कालीन अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद 2004 में ही पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू की गई थी। पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत सरकार कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह उक्त कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतनमान पर आधारित होती थी। इसमें रिटायर कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। लेकिन नई पेंशन योजना के तहत में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती होती है।
इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा भी मिलती थी। वहीं नई पेंशन स्कीम में यह व्यवस्था नहीं है। इसमें पेंशन के तौर पर कितनी रकम मिलेगी, इसकी गारंटी भी नहीं मिलती है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं था।
OPS और NPS में क्या है अंतर
दरअसल 1 अप्रैल 2004 को तत्कालीन अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद 2004 में ही पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू की गई थी।
पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) के तहत केंद्र अपने सरकार कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह उक्त कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतनमान पर आधारित होती थी। इसमें रिटायर कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। लेकिन नई पेंशन योजना के तहत में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती होती है।
जबकि नई पेंशन स्कीम (NPS) में यह व्यवस्था नहीं है। इसमें पेंशन के तौर पर कितनी रकम मिलेगी, इसकी गारंटी भी नहीं मिलती है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं था।
न्यू पेंशन स्कीम एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है। इसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस फीसदी हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14 फीसदी भाग डालती है। नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14 प्रतिशत का ही योगदान देती है।

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