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गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

संस्कृतशिक्षायाः दुर्दशा:93 छात्रों पर एक शिक्षक; वही प्राचार्य, कैंपस का जिम्मा भी उसी पर, 31 में से 26 कॉलेजों का यही हाल

 

संस्कृतशिक्षायाः दुर्दशा:93 छात्रों पर एक शिक्षक; वही प्राचार्य, कैंपस का जिम्मा भी उसी पर, 31 में से 26 कॉलेजों का यही हाल

हाल ही की गई बजट घोषणा के तहत प्रदेश में 16 नए संस्कृत कॉलेज खोले जाने हैं। इसके बाद प्रदेश के हर जिले में संस्कृत कॉलेज उपलब्ध हो जाएगा। लेकिन मौजूदा 31 कॉलेजों का हाल खराब है। इनमें 18 साल से कोई भर्ती नहीं हुई है। ज्यादातर में न तो प्रिंसीपल व व्याख्याता हैं, न चतुर्थ श्रेणी कार्मिक। इन कॉलेजों में कुल 6600 विद्यार्थी हैं लेकिन शिक्षक 71 ही हैं। यानी 93 छात्राें पर एक शिक्षक लगा हुआ है। खुद के भवन नहीं होने के कारण कई कॉलेज तो स्कूलों में चल रहे हैं। ऐसे में छात्र संख्या लगातार घट रही है।


31 कॉलेज लेकिन प्रोफेसर सिर्फ यही

पद स्वीकृत कार्यरत रिक्त

प्राचार्य 31 5 26

प्रोफेसर 4 4 0

व्याख्याता 203 67 136

लाइब्रेरियन 13 2 11

क्लर्क 121 72 49

चतुर्थ श्रेणी 60 30 30

प्रदेश में 14 आचार्य (पीजी) और 17 शास्त्री (यूजी) संस्कृत कॉलेज संचालित हैं।


यह भी एक क्लास है, पेंट्री जिसमें प्राचार्य चाय बनाते, कैम्पर में पानी भरते हैं

सालासर काॅलेज में व्याख्याता के 2 पद खाली, चपरासी नहीं। कार्यवाहक प्राचार्य दामाेदर शर्मा ऑफिस में 2 छात्रों को पढ़ाते मिले। यहां छात्र 250 से घटकर 80 रह गए। नीम का थाना काॅलेज के प्राचार्य महेश कुमार कल्याण ने बताया- हमारे काॅलेज में 70 बच्चे रह गए हैं।


श्रीमाधाेपुर संस्कृत काॅलेज का प्राचार्य कक्ष। कुर्सी के पास पानी की केन व चाय बनाने को चूल्हा रखा है क्योंकि चपरासी नहीं है। छात्र संख्या करीब 300 है, व्याख्याता सिर्फ दो। इनमें से साैरभ अग्रवाल के पास ही श्रीमाधोपुर सहित 70 किमी दूर खाचरियावास काॅलेज के प्राचार्य का चार्ज है।


हिंदी, व्याकरण, साहित्य के शिक्षक नहीं, कहीं एलडीसी के भरोसे चल रहा

खाचरियावास के काॅलेज में प्राचार्य, 5 व्याख्याता, 2 क्लर्क व चपरासी के पद खाली हैं। प्राचार्य का चार्ज 70 किमी दूर स्थित काॅलेज के शिक्षक काे दे रखा है। पूरा कॉलेज एक एलडीसी के भरोसे है। श्रीमाधोपुर कॉलेज 23 साल पहले खुला लेकिन खुद का भवन नहीं है। स्कूल भवन में चल रहा है। सावर-अजमेर सहित अन्य कई काॅलेज भी स्कूल भवनों में चल रहे हैं।पिछले सितंबर में ही राजस्थान संस्कृत शिक्षा (काॅलेज शाखा) सेवा नियम 2022 की अधिसूचना जारी की गई है।


सेवा नियम नहीं थे, हमने बनाए हैं, भर्ती करेंगे : शिक्षा मंत्री

इन कॉलेजों में पद लंबे समय से खाली हैं क्योंकि इनके लिए सेवा नियम ही नहीं बने हुए थे। ये नियम हमने बनवाए हैं। पदों की गणना कर भर्ती की अभ्यर्थना आरपीएससी को भेजेंगे। -बीडी कल्ला, संस्कृत शिक्षा मंत्री

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