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गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

Old Pension Scheme: पर अपना फैसला वापस लेगी राजस्थान सरकार, लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी



 Old Pension Scheme:  पर अपना फैसला वापस लेगी राजस्थान सरकार, लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार राजस्थान में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी है। यह मुद्दा ना सिर्फ राजस्थान बल्कि दूसरे चुनावी राज्यों में भी विधानसभा चुनाव से पहले अहम हो गया है। सबसे पहले राजस्थान ने ही अप्रैल 2022 में ओपीएस को बहाल किया था। राजस्थान के बाद दूसरे कांग्रेस शासित राज्यों ने भी इसे अपनाया तो भाजपा शासित राज्य भी इसकी संभावनाओं को टटोल रहे हैं। कई राज्यों में कर्मचारी संगठनों ने सरकारों पर दबाव बढ़ा दिया है। एनपीएस पर फिर से विचार करने से इनकार करने चुकी केंद्र सरकार ने राजनीतिक मजबूरियों की वजह से ही इसकी समीक्षा के लिए एक समिति बनाई है जो नेशनल पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के अनुकूल बनाने पर विचार करेगा।  


एनपीएस के तहत कर्मचारी वेतन और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी अंशदान देते हैं और इतना ही राज्य सरकार भी जमा कराती है। एक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के 5,24,72 OPS अकाउंट हैं। अभी तक सरकार ने 14,171 करोड़ रुपए अंशदान के रूप में जमा कराए हैं, जबकि कर्मचारियों ने 14,167 करोड़ रुपए दिए। बाजार दर पर ब्याज जोड़ लिया जाए तो रकम 40,157 करोड़ रुपए होगी। राजस्थान में OPS लागू करने के बाद राज्य सरकार ने 19 मई 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था कि कर्मचारियों को एनपीएस में किए गए अंशदान को ब्याज समेत राज्य सरकार को लौटाना होगा। सरकार ने उसकी ओर से और कर्मचारियों की ओर से दिए गए अंशदान को लेकर जनरल रेवेन्यू हेड के तहत जमा कराने को कहा था।


हालांकि, राज्य सरकार अब इस नोटिफिकेशन को बदलने की तैयारी में है ताकि केंद्र सरकार की ओर से संभावित आपत्ति की गुंजाइश ना रहे। इस बात की संभावना है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के अंशदान को लेने पर आपत्ति लगा सकती है। वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'चूंकि पैसा तकनीकी तौर पर कर्मचारियों का है, इसलिए राज्य सरकार इसे अपने राजस्व के तहत नहीं दिखा सकती।' अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार अब पेंशन फंड रेग्युलेट्री एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क करके एनपीएस में दिए 14000 करोड़ का अपना अंशदान मांगेगी। सरकार कर्मचारियों की ओर से एनपीएस में दिए गए अंशदान को जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) में जमा कराएगी, जिन्हें 2021 में खोला गया था।  


1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त 5.24 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 3554 अप्रैल 2022 में रिटायर हो चुके हैं। लेकिन उन्हें अभी पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने फंड रिलीज नहीं किया है। सवाल यह भी है कि राज्य को केंद्र से एनपीएस फंड कैसे मिलेगा। केंद्र ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड में जमा एनपीएस फंड राज्यों को वापस नहीं मिलेंगे। नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ राजस्थान के राज्य समन्वयक विनोद कुमार ने कहा कि राज्य को केंद्र से धन वापस लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा, 'पेंशन राज्य का विषय है और केंद्र को उन राज्यों को धन जारी करने की अनुमति देनी चाहिए जिन्होंने ओपीएस को बहाल किया है।'


OPS लागू करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी

  • अशा टीप की कंटीन्यूटी में राजकीय उपक्रमों, स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालय आदि संस्थाओं के सेवानिवृत और सेवारत कार्मिकों पर जहां सीपीएफ या ईपीएफ लागू है, वहां पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
  • राजकीय उपक्रम ब्यूरो के क्षेत्राधिकार में आने वाले उपक्रमों के संबंध में दिशानिर्देश राजकीय उपक्रम विभाग की ओर से जारी किए जाएंगे।
  • राजकीय उपक्रमों के क्षेत्राधिकार में नहीं आने वाले संस्थाओं के लिये दिशा-निर्देश संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।
  • राजकीय उपक्रम विभाग/ प्रशासनिक विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी होने के बाद संबंधित संस्था सक्षम स्तर से अप्रूवल लेकर इसे अडॉप्ट करने की कार्यवाही करेगी।
  • यदि संस्था को संबंधित प्रशासनिक विभाग के अतिरिक्त अन्य किसी स्तर से अप्रूवल की आवश्यकता हो, तो अप्रूवल लेने के बाद संस्था इसे अडॉप्ट करने की कार्यवाही करेगी।
  • संबंधित संस्था राज्य सरकार के पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आदेश और इसे संबंधित संस्था में लागू करने के निर्णय से EPF के सक्षम स्तर को अप्रूवल के लिए भिजवाया जाएगा। जिन कार्मिकों द्वारा CPF/ EPF के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना का
  • विकल्प दे दिया है और स्वीकार कर लिया जाता है, तो उनकी एम्प्लॉयर अंशदान के रूप में कोई भी कटौती CPF/ EPF योजना के अन्तर्गत नहीं करेगी। 
  • सभी संस्थाओं में GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी।
  • जिन संस्थाओं में पहले से ही GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू है और पेंशन निधि गठित है, उन्हें नई पेंशन निधि गठित करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशन निधि राज्य सरकार के पीडी खाते में ही जमा हो।  यदि पेंशन निधि राज्य सरकार के पीडी खाते के अलावा कहीं और जमा है, तो उसे राज्य सरकार के पीडी खाते में जमा किया जाएगा। 
  • जिन संस्थाओं में GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू नहीं है, उनके द्वारा पुरानी पेंशन योजना के लिए GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू करने के लिए नियम बनाकर पेंशन निधि का गठन किया जाएगा और इन संस्थाओं के स्तर से भी पेंशन निधि राज्य सरकार के पीडी खाते में ही जमा की जाएगी।
  • जिन संस्थाओं में कार्मिकों की संख्या बहुत कम है। जिसके कारण अलग से पेंशन निधि  का गठन और संचालन करना व्यवहारिक न हो, उन संस्थाओं के संबंध में संबंधित प्रशासनिक विभाग अपने स्तर से किसी एक संस्था (राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड की तरह) को सभी संस्थाओं के लिए GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू  करने और उसके मुताबिक अधिकृत संस्था के स्तर पर पेंशन निधि के गठन और संचालन के लिए अधिकृत कर सकते हैं।
  • GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कार्मिकों के जीपीएफ खाते के मामले में राज्य सरकार की ओर से बोर्ड, निगम आदि को मंहगाई भत्ता और तदर्थ बोनस, एक्स-ग्रेसिया की राशि के आदेशों में यह शर्त शामिल थी कि नकद भुगतान के अलावा एरियर
  • राशि में " सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)" में ट्रांसफर की जायेगी। " सामान्य
  • प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)" की कटौती का प्रावधान राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम -2021 " के अन्तर्गत है। ऐसी स्थिति में सभी संस्थाओं के कार्मिकों के" सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB) " के खाते राज्य बीमा और सामान्य प्रावधायी निधि विभाग में पहले से ही मेंटेन किए जा रहे हैं।
  • भविष्य में GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कार्मिकों के जीपीएफ खाते " राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम -2021 " के अन्तर्गत  गवर्न होंगे। इसके लिए जिन संस्थाओं में GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू है, उन संस्थाओं में
  • जी.पी.एफ से सम्बन्धित विनियमों में आवश्यक संशोधन कर कार्मिक अंशदान की राशि" सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB) " में जमा कराने का प्रावधान किया जाएगा।
  • जिन संस्थाओं में GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू नहीं है उनके द्वारा GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू करने और" सामान्य प्रावधायी निधि सैय (GPF-SAB)" में राशि जमा कराने के लिए नियम बनाकर प्रावधान किया जाएगा।
  • सामान्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग " सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)" में कार्मिकों की राशि जमा करने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं और प्रक्रियाएं तय करेगा।
  • पुरानी पेंशन योजना हेतु विकल्प के तहत संस्था के स्तर पर आवश्यक स्वीकृतियां और GPF लिंक्ड पेंशन स्कीम संशोधनों सहित लागू होने पर सेवानिवृत्त कार्मिकों और सेवारत कार्मिकों से पुरानी पेंशन के लिए सेट परफॉर्मा संबंधित संस्था के ऑथोराइज्ड अफसर को 30 जून 2023 तक पुरानी पेंशन योजना के पुनर्विकल्प या विकल्प के लिए आवेदन पेश किए जा सकेंगे। 
  • रिटायर्ड कर्मचारी की ओर से एक बार दिया गया पुनर्विकल्प या विकल्प आवेदन फाइनल होगा और निर्धारित तारीख तक विकल्प नहीं किया जाता है, तो यह माना जाएगा कि वह सीपीएफ या ईपीएफ सदस्य बने रहना चाहता है।
  • सेवा से निष्कासित सेवा से हटाए गए सेवा से त्यागपत्र देने वाले कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना के विकल्प की सुविधा नहीं होगी।
  • रिटायर्ड कर्मचारी को सीपीएफ या ईपीएफ़ के नियोक्ता अंशदान की पूरी राशि संबंधित संस्था की पेंशन निधि में उसकी प्राप्ति की तिथि से पेंशन निधि में जमा कराने की तिथि तक देय 12 प्रतिशत ब्याज समेत 30 जून 2023 तक जमा करानी होगी।


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