गणेशजी की आरती कर टीचर भर्ती की मांग कला शिक्षकों का विरोध, बोले- 1992 के बाद नहीं हुई भर्ती
अलवर । सिर पर पचरंगी पगड़ी, हाथ में हारमोनियम और जुबान पर जय गणेश-जय गणेश देवा...यह विरोध है अलवर में कला शिक्षकों का। यहां मिनी सचिवालय के पास भवानी तोप सर्किल पर कला में डिप्लोमा डिग्री कर चुके बेरोजगार भर्ती की मांग कर रहे हैं।हाथों में लिए पटि्टयों पर लिखा है कि कला शिक्षकों की भर्ती करो। नन्ने बच्चों की कला शिक्षा मत छीनो। ऐसा संगीतमय विरोध सोमवार को किया गया। सरकार से कला शिक्षकों की भर्ती करने की मांग है। इनका कहना है कि 30 साल से कला शिक्षकों की भर्ती न हो बेरोजगारों व बच्चों दोनों से अन्याय है।
1992 के बाद भर्ती नहीं हो सकी
बेरोजगारों ने कहा कि कक्षा एक से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा विषय चलता है। लेकिन 1992 से कला शिक्षकों की भर्ती नहीं हो सकी है। हर स्कूल में एक कला शिक्षक जरूरी होता है। लेकिन सरकार ही 1992 के बाद सुध नहीं ले रही है।चौंकाने वाली बात यह है कि स्कूलों में कला शिक्षा में बच्चों को ए ग्रेड दे दी जाती है। जबकि स्कूलों में कला शिक्षक हैं नहीं। बिना शिक्षक के बच्चों को अंक दिए जाते हैं। यह उनके भविष्य से खिलवाड़ है। इस तरफ सरकार का ध्यान दिलाने के मकसद से विरोध किया गया।
मिनी सचिवालय तक पैदल जाकर ज्ञापन
बेरोजगार सत्यवीर का कहना है कि मिनी सचिवालय तक पैदल मार्च करेंगे। इसके बाद कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे। ताकि सरकार का इस तरफ ध्यान आकर्षित हो। असल में अलवर जिले में काफी संख्या में कला क्षेत्र में डिप्लोमा व डिग्री होल्डर बेरोजगार है। जो 1992 से कला शिक्षक भर्ती के इंतजार में हैं। धरने में जिले भर से बेरोजगार आए हैं।
कला की बारी आई है, तुमने देर लगाई है
कला के डिप्लोमा होल्डर गीत गाते हुए पैदल र्माच करते हुए निकले। कई गाने भी गाए। जिसमें- कला की बारी आई है तुमने देर लगाई है- के नारे लगाए। भगवान की आरती भी की। इसके बाद सरकार से मांग की।
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