संस्कृत स्कूलों के विद्यार्थियों से सौतेला व्यवहार, प्रदेश के 1.5लाख बच्चे मेडिकल कैंप व नो-बैग डे जैसी योजनाओं से वंचित
प्रदेश में शिक्षा विभाग संस्कृत स्कूलों के साथ सौतेलाव्यवहार कर रहा है। स्कूल शिक्षा परिषद की आेर सेबच्चों के लिए लागू की गई एक दर्जन से ज्यादायोजनाओं का संस्कृत स्कूलों के बच्चों को फायदा नहींमिल पा रहा है। नतीजा, प्रदेश की 1797 संस्कृतस्कूलों के 1.5 लाख विद्यार्थी इन योजनाओं से वंचितहो रहे हैं।
क्योंकि संस्कृत स्कूलों के संस्था प्रधानों कोसीआरसी (कलस्टर रिसोर्स सेंटर) यानी संदर्भ संकूलकेंद्र के पॉवर नहीं हैं। इन्हें विभिन्न योजनाओं के लाभमें सामान्य शिक्षा के स्कूलों के सीआरसी के अधीनरखा जाता है। जबकि सामान्य शिक्षा के पीईओ कोसीआरसी का दर्जा होता है। इसलिए विभिन्न योजनाओंके प्रचार प्रसार से लेकर लागू करने तक सामान्य शिक्षाकी स्कूलों को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में संस्कृतस्कूलों की मानिटरिंग नहीं हो पाती है। यही वजह है किसंस्कृत स्कूलों के बच्चे योजनाओं से बाहर हो जाते हैं।सीकर जिले में 77 स्कूले हैं। दैनिक भास्कर ने पूरेमामले की पड़ताल की तो शिक्षा विभाग की बड़े स्तरपर लापरवाही सामने आई। विभिन्न योजनाओं कीजागरुकता के लिए सामान्य शिक्षा की स्कूलों मेंकार्यक्रम करवाए जाते हैं। विभाग द्वारा योजनाओं कीमॉनिटरिंग और निरीक्षण भी इन्हीं स्कूलों में किया जाताहै। ऐसे में संस्कृत शिक्षा से जुड़ी स्कूलों में इनयोजनाओं पर फोकस नहीं हो पाता है। सामान्य शिक्षाके बाद इन्हें मौका दिया जाता है।
^संस्कृत शिक्षा का जिला स्तर परकोई कार्यालय नहीं है। इससे प्रभावीमॉनिटरिंग नहीं हो पाती है। सामान्यशिक्षा के समान कक्षा 1 से 12 कासेटअप होना चाहिए।योगेश शर्मा, नोडल अधिकारीसंस्कृत शिक्षा^संस्कृत शिक्षा विभाग के संकुल केंद्रोको सीआरसी ग्रांट उपलब्ध होनीचाहिए। संगठन की मांग है कि शिक्षापरिषद से मिलने वाली सुविधाए अगरसंस्कृत शिक्षा के संकुल केन्द्रों केमाध्यम से मिले तो प्रभावी मॉनिटरिंगहोगी।
संस्कृत विद्यालय किसीसुविधाओं से वंचित नही रहेंगे।अनिल भारद्वाज, जिलाध्यक्षसंस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघसीकर^संस्कृत स्कूलों में विद्यार्थियों कीसमस्याओं को लेकर विभाग गंभीरहैं। इनके समाधान की प्लानिंग तैयारकी है। सरकार को भी सुझावभिजवाए गए हैं। जिला स्तर पर भीसंस्कृत विभाग के कार्यालयखुलवाए जाएंगे।भास्कर शर्मा, निदेशक संस्कृतशिक्षा बीकानेर
वैट कम करने की मांग को लेकर जिले के सभीपेट्रोल पंप संचालक बुधवार से दो दिवसीयहड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल की सूचना मिलते हीमंगलवार शाम को पेट्रोल पंपों परपेट्रोल-डीजल लेने के लिए दुपहिया सहितअन्य वाहनों की भीड़ जुट गई।सीकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन केअरुण फागलवा ने बताया ने बताया कि 13 व14 सितंबर की सुबह 10 बजे से शाम 6 बजेतक जिले के सभी पेट्रोल पंप संचालक वकार्मिक हड़ताल पर रहेंगे। हरियाणा के बराबरवैट करने करने की मांग कर रहे हैं।

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