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सोमवार, 18 सितंबर 2023

नर्सरी कक्षा को पढ़ाएंगे गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षक,डीपीसी व सेटअप परिवर्तन नहीं होने से बिगड़ा शिक्षा विभाग का खाका



 नर्सरी कक्षा को पढ़ाएंगे गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षक,डीपीसी व सेटअप परिवर्तन नहीं होने से बिगड़ा शिक्षा विभाग का खाका

सीकर. शिक्षक भर्ती 2022 में चयनित लेवल-2 के गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षक अब प्राथमिक कक्षाओं को भी पढ़ाएंगे। नव चयनित शिक्षकों को महात्मा गांधी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को भी पढ़ाना होगा। शिक्षा विभाग के बिगड़े ढांचे की वजह से ऐसा होगा। जिसमें डीपीसी और सेटअप परिवर्तन नहीं कर सीधे नए शिक्षकों को नियुक्ति देने से उनके लिए पर्याप्त पद ही नहीं बचे हैं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने खाली पद नहीं होने की स्थिति में शिक्षकों महात्मा गांधी स्कूलों व लेवल-2 के शिक्षकों को भी प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति देना तय किया है। नव चयनित शिक्षकों को नियुक्ति के लिए जारी काउंसलिंग के दिशा निर्देशो में निदेशक कानाराम ने इसका साफ जिक्र किया है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगामी दिनों में सरकारी स्कूलों में कितना द्महोचपोचद्म होने वाला है।



डीपीसी व सेटअप परिवर्तन से नहीं बिगड़ती व्यवस्था

एक्सपर्ट्स के अनुसार शिक्षा विभाग यदि यदि सरकार डीपीसी और ग्रेड थर्ड शिक्षकों का तबादला करते हुए उनका माध्यमिक शिक्षा विभाग में सेटअप परिवर्तन करती तो ये अव्यवस्था नहीं होती। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नए अभ्यर्थियों के लिए पद खाली होने के साथ इससे तबादलों का इंतजार कर रहे शिक्षकों को भी राहत मिलती। पर शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।



भर्ती 48 हजार पदों की, पद 21 हजार

राज्य सरकार ने ग्रेड थर्ड शिक्षकों के 48 हजार पदों पर भर्ती की है। इनमें लेवल-1 के 21 हजार तथा लेवल-2 के 27 हजार पद शामिल है। जबकि सेटअप परिवर्तन और डीपीसी नहीं करने पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के पास करीब 29 हजार पद ही बचे हैं। जिनमें से भी महात्मा गांधी व अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर लगे करीब सात हजार शिक्षकों के पदों का वेतन आहरण हो रहा है। ऐसे में विभाग के पास करीब 21 हजार ही पद बचे हैं। लिहाजा इन शिक्षकों को मजबूरन माध्यमिक शिक्षा व महात्मा गांधी स्कूलों में नियुक्त करना पड़ रहा है।



तबादला चाहने वाले शिक्षकों को धक्का

नई भर्ती के शिक्षकों की नियुक्ति से तबादलों का इंतजार कर रहे शिक्षकों को भी बड़ा धक्का लगा है। क्योंकि अब ये लगभग तय हो गया है कि सरकार ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले नहीं करेगी।



यूं होगी महात्मा गांधी स्कूल में नियुक्ति

काउंसलिंग से नियुक्ति के लिए सबसे पहले प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों के खाली पद प्रदर्शित किए जाएंगे। पद कम होने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों के खाली पद काउंसलिंग में शामिल होंगे। यदि फिर भी अभ्यर्थी बचते हैं तो उन्हें महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का विकल्प दिया जाएगा। ये नियुक्ति वरीयता के आधार पर होगी। जिन शिक्षकों ने 12वीं कक्षा व स्नातक अंग्रेजी माध्यम से पास की है, उन्हें नियुक्ति में महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि उनके लिए अन्य स्कूलों के विकल्प भी होंगे और पद खाली होते ही उन्हें फिर से मूल पद पर भेजे जाने की शर्त भी रखीगई है।



नर्सरी कक्षाएं भी पढ़ाएंगे विषय शिक्षक

काउंसलिंग के लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार लेवल-2 के विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी के पदों पर चयनित अभ्यर्थी रिक्त पदों से ज्यादा होने पर इन्हें लेवल-1 के पदों पर लगाया जाएगा। इसके लिए काउंसलिंग में पहले उच्च माध्यमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल के लेवल-1 के पदों को प्राथमिकता दी जाएगी। यहां भी खाली पद नहीं रहने पर उन्हें प्राथमिक स्कूलों के लेवल-1 शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाएगी। ऐसे में इन विषय शिक्षकों को नर्सरी से पांचवी तक की कक्षाओं को भी पढ़ाना होगा। हालांकि ये नियुक्ति उनके मूल पद खाली नहीं होने तक ही रहेगी।



इनका कहना है:

डीपीसी व ट्रांसफर से सेटअप परिवर्तन के बाद नई भर्ती के शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए थी। इससे तबादला चाहने वाले शिक्षकों को भी फायदा होता और प्रारंभिक शिक्षा विभाग में पद खाली होने पर नए शिक्षकों को भी मूल पद मिल जाते। पर अब सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था का आलम बढ़ेगा।-उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।



सीकर. प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करवाने की मांग की लेकर राजस्थान शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष राजेश गढ़वाल कैरोठ ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में बताया कि देश में शिक्षक भर्ती की योग्यता निर्धारित करने वाली संस्था एनसीटीई ने हर साल शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराने के दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार की बेरुखी के चलते वर्ष 2010 में प्रावधान के लागू किए जाने से लेकर अब तक प्रदेश में महज छ: बार ही शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हो सका है।


प्रदेश में समय पर शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नही होने से शिक्षक बनने का सपना देख रहे लाखों बीएड डिग्री धारी एवं बीएसटीसीधारियों में निराशा छाई हुई है। लाखों रुपए खर्च करके उन्होंने बीएड एवं बीएसटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, लेकिन सरकार समय पर भर्ती परीक्षा का ही आयोजन नहीं करा सकी है। एनसीईटी ने हर वर्ष परीक्षा का आयोजन कराने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन प्रदेश में हर वर्ष परीक्षा का आयोजन नही हो सका है। सरकार को चाहिए कि शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हर वर्ष हो सके ताकि अभ्यर्थियों को राहत मिल सके।



पुराने 33 जिलों के आधार पर ही होगी नियुक्ति

नव चयनित शिक्षकों की भर्ती राजस्थान के वर्तमान जिलों के आधार पर नहीं होगी। बल्कि, शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति के समय के 33 जिलों के आधार पर ही होगी। यानी सीकर व नीमकाथाना जिले को एक ही माना जाएगा।


नर्सरी कक्षा को पढ़ाएंगे गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षक,डीपीसी व सेटअप परिवर्तन नहीं होने से बिगड़ा शिक्षा विभाग का खाका Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

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