National pension scheme News: सट्टा खेल रही सरकार कर्मचारियों के पेंशन से
मध्यप्रदेश : पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी गरजे, मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सौंपेंगे ज्ञापन भोपाल। जहाँ सरकार मुफ्त की सौगात बांट रही है, वो भी कर्ज के दम पर वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों (4,42,141) के पेंशन NPS (न्यू पेंशन स्कीम) का जमा करोड़ों रूपये स्वाहा हो गए हैं। क्योंकि यह शेयर बाजार पर ही आधारित होता है।
वहीं कई राज्यों में जैसे छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल, पश्चिम बंगाल, झारखंड में ओपीएस (पुरानी पेंशन) की बहाली के उपरान्त MP में भी कर्मचारियों ने आंदोलन छेड़ रखा है यहाँ नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन संगठन के तहत रविवार को हजारों कर्मचारियों ने राजधानी भोपाल में जोरदार धरना दिया। मध्य प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग वर्षों से कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण NPS धारकों का अचानक करोड़ों रुपए का भारी नुकसान हुआ है। जिसके कारण NPS कर्मचारियों को रिटायर होने पर कुछ नहीं मिलेगा ना 60 प्रतिशत वाली जमा पूंजी मिलेगी और ना ही कोई अतिरिक्त निर्धारण होने वाली पेंशन। इसको लेकर कर्मचारियों का संगठन पुरानी पेंशन लागू करवाने के लिए सरकार से अड़ गये हैं और अब आर पार के मूड में दिख रहें है। साथ ही उनकी मांग है कि January 2005 से लेकर अब तक उनकी जमा पूँजी वापस कि जाय की मांग पर अड़ गये हैं और NPS के संचालक कमेटी को तत्काल भंग की जाय।
अब तक का सबसे बड़ा नुकसान कर्मचारियों की जमापूंजी का
मध्यप्रदेश : कर्मचारियों के प्रांतीय अध्यक्ष अशोक पांडे के अनुसार इन गिरावट वाले शेयर बाजारों में एसबीआई के , एलआईसी के म्यूचुअल फंड के शेयरों में भयंकर गिरावट दर्ज की गयी और उसके बाद ही NPS होल्डरों का पैसा भी डूबने लगा और जमा पूँजी में भारी नुकसान हुआ क्योंकि NPS जिस NSDL कंपनी के द्वारा से संचालित जाती है वह NPS में निवेश करने वाले कर्मचारियों का पैसा इन्ही बैंको के द्वारा और दूसरे शेयरों में लगाती है अब इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आने के बाद वास्तविक नुकसान इन्हे तो हुआ नहीं है।
नुकसान तो उस पैसे का हुआ है जो निवेश किया गया है और जिसका निवेश धन है यानी सीधे तौर पर NPS धारक कर्मचारियों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है, जिसका खामियाजा NPS धारकों को ही भुगतना पड़ेगा। कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी सट्टा बाजार के हवाले शेयर बाजार एक प्रकार का सट्टा बाजार ही है क्योंकि यहाँ निवेश करने वालों के पैसे ज्यादातर डूबते ही हैं और हजार में कोई एक -दो ही मालामाल होता है तो आप समझ सकते हैं।
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों से उनके वेतन से नियमानुसार नियमित 10% का अंशदान लेती है और अपनी तरफ से 14% का अंशदान देती है। अब 10% व 14% दोनों को मिलाकर पूरा पैसा NSDL के माध्यम से सारा पैसा बैंकों और शेयर बाजारों में निवेश करती है और अपना अच्छा खासा मुनाफा भी निकाल लेती है और उस मुनाफे को तत्काल तो कर्मचारियों को देती नहीं बल्कि कर्मचारी को तो केवल 14% का अंशदान ही मिलता है वो भी 2 या 3 महीने के बाद ।
लेकिन अब यह भी सम्भव नहीं क्योंकि जब शेयर बाजार में जमकर घाटे में चल रहा है तो अब कर्मचारियों को कुछ भी हाथ लगना सम्भव नहीं दिखता और इसका कर्मचारियों में भय व्याप्त है लाखों कर्मचारियों के साथ हुआ बहुत बड़ा धोखा कर्मचारी संगठनों का यह दावा है कि NSDL कंपनी कर्मचारियों का जमा NPS पूँजी में को किसी भी छोटे बड़े उद्योगपतियों को दे सकती है और ये उद्योगपति इस पैसे को स्वतंत्र रूप से शेयर बाजार में लगाते हैं ।
अब जब देश के बड़े - बड़े उद्योगपति जैसे अंबानी और अडाणी इनका भी पैसा शेयर बाजार में डूब चुका हैं तो कर्मचारियों के पैसे कितना नुकसान हुआ होगा इसका अंदाजा सरकार लगा सकती है। अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो एनपीएस योजना देश के 70 लाख कर्मचारियों के साथ पेंशन के नाम पर छलावा किया गया है किया गया है।
इसलिए NPS धारक कर्मचारियों के मेहनत और खून पसीने की कमाई से काटी गई अंशदान राशि का हिसाब सहित ब्यौरा सरकार कर्मचारियों को दे। अब तक NPS में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के संघ के अध्यक्ष ने यह दावा किया है कि सरकार ने कर्मचारियों का अंशदान लेकर अपनी मर्जी से बड़े-बड़े उद्योगपतियों को दिया है जिसका सरकार के पास कोई भी हिसाब नहीं है।
जब अचानक कंपनी घाटे में चली जाती है तो सारा खेल सामने आ जाता है और जब तक सरकारी कर्मचारियों के एनपीएस वाले निवेश के पैसे से कल उद्योगपतियों को लाभ होता है तो सरकार उनसे एक मोटी रकम लेती रहती है अगर सरकार चाहे तो एक कमेटी बनाकर इसकी निष्पक्ष जांच कर सकती है ताकि यह पता चल सके कि सरकारी कर्मचारियों का एनपीएस में निवेश किया गया पैसा कहां और किस समय किस उद्योगपति को किस बैंक में किस शेयर में किस फंड में किस उद्योग में और कहां-कहां लगाया जा रहा है।
यह प्रत्येक एनपीएस धारक को पता होना चाहिए कि उनका NPS का अंशदान किस जगह, किस कम्पनी में लगाया जा रह है कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के लगभग 550000 सरकारी कर्मचारी एवं लगभग 48000 अन्य सरकारी स्थाई कर्मियों के पेंशन खातों में पिछले 17 साल में जमा कुल अब तक जमा पूंजी राशि लगभग 4500 करोड रुपए हैं और इसी में एनएसडीएल कंपनी ने लगभग 100 करोड रुपए का गोलमाल किया है क्योंकि जो पैसा कर्मचारियों के वेतन से 10 परसेंट काटा गया था वह अभी भी कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं किया गया है।
एनएसडीएल ने यह बात स्वीकारा
क्योंकि जब सारा मामला सामने आया है तो एनएसडीएल ने क्या बात स्वीकार किया है कि पिछले 2 साल से कर्मचारियों का 10% अंशदान अभी तक जमा नहीं किया गया है। जो अब धीरे-धीरे जमा कराया जा रहा है यहां तक कि इसकी शिकायत प्रधानमंत्री ऑफिस तक भी पहुंची तो प्रधानमंत्री द्वारा कार्मिक मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई और कर्मचारियों का एनपीएस का पैसा शीघ्र ही उनके खाते में क्लियर करने का निर्देश दिया गया है।
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