प्रदेश की 166 हिंदी स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम में बदला, लेकिन भवन तो दूर टेबल कुर्सी व ब्लैक बोर्ड तक नहीं जुटा पाई सरकार
सरकार जी के नाम पर जिन स्कूलों का अंग्रेजीकरण कर रही है, उनमें बच्चों को सुविधाएं हिंदी मीडियम की मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा पिछले साल एक हजार स्कूलों को हिंदी से अंग्रेजी में परिवर्तित करने के बाद इस बार के बजट में भी इतनी संख्या में सरकारी हिंदी माध्यम को स्कूलों का अंग्रेजीकरण किया जा रहा है। यही वजह है कि सरकार ने बिना संसाधन और सुविधाओं के जोधपुर की 12 और प्रदेश की 165 स्कूलों को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम में तब्दील कर दिया। गंभीर बात यह है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की म अंग्रेजी माध्यम में प्रवेश मिलेगा, लेकिन अंग्रेजी का अलग बजट नहीं देने से इनमें सुविधाएं हिंदी माध्यम की मिलेगी।
दरअसल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने बीस दिन पहले एक आदेश जारी कर जोधपुर की 10 मिडिल और 2 सीनियर क स्कूलों को परीक्षा के समय हिंदी से अंग्रेजी मध्यमपर्तित कर दिया। इसमें भीलवाड़ा ब्लॉक की 7 भोपालगढ़ फरीदी की 2-2. सूरसागर को स्कूल को महात्मा गांधी माध्यम में बदला गया, लेकिन इनमें सुविधाओं के नाम पर एक रुपया भी नहीं दिया। गंभीर बात यह है कि इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक नहीं लगाए है। ऐसे में पढ़ाने वाले टीचर भी हिंदी माध्यम से लेंगे। इधर संसाधनों के अभाव में हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही माध्यम के बच्चे एक की परिसर में एक ही टेबल और ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई करेंगे।


0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें