झुंझुनूं के स्कूलों में आते हैं पूरे देश के बालक, यहां है विश्वस्तर का प्रौद्योगिकी संस्थान
झुंझुनूं. झुंझुनूं में देश के अधिकतर राज्यों के छात्र-छात्रा पढ़ाई करने के लिए आते हैं। पचेरी के पास तो दूसरे देशों के बालक भी पढाई करने के लिए आते हैं। ऐसे में उनको हवाई सेवा की सुविधा मिल जाए तो बच्चों की संख्या जिले में बढ़ सकती है। बच्चों के साथ उनके परिजन की आवाजाही बढ़ सकती है। बच्चों की संख्या बढ़ने से शिक्षण संस्थानों का ही नहीं बल्कि पूरे जिले का विकास तेज गति से होगा। सीकर के विकास का भी यही कारण है। झुंझुनूं में भी अगर हवाई सेवा शुरू हो जाए तो यहां का विकास भी तेजी गति से होगा।
पिलानी में विश्व स्तर की रैंकिंग वाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान हैं। इसके अलावा पचेरी, चिड़ावा व चुडैला में विश्वविद्यायल हैं। यहां दूर-दूर से बालक डिग्री लेने आते हैं। पिलानी, डूंडलोद व झुंझुनूं में कई निजी स्कूल ऐसे हैं जहां मणिपुर, अरुणाचल, भूटान और नेपाल के बालक भी पढाई करने आते हैं। सैनिक स्कूल दोरासर में पूरे देश के अनेक राज्यों के बालक पढ़ाई करने आते हैं। इसके अलावा सैनिक स्कूलों में होने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए तो दक्षिण भारत, उत्तराखंड, हिमाचल व महाराष्ट्र से भी बालक आते हैं। अब मेडिकल कॉलेज शुरू होने वाला है। यहां के प्रोफेसर व मेडिकल के छात्र-छात्रा भी अनेक राज्यों से आएंगे। ऐसे में हवाई सेवा अब समय की मांग हो गई है।
एक्सपर्ट व्यू
झुंझुनूं शुरू से ही शिक्षा में अग्रणी रहा है। इसकी पहचान केवल राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में है। देश के लगभग हर राज्य से यहां बालक पढाई करने आते हैं। ऐसे में हवाई सेवा शुरू हो जाए तो बच्चों की संख्या बढ़े। जिले का विकास तेजी गति से हो। दोनों सरकारों को इस तरफ सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। - दिलीप मोदी, शिक्षाविद, झुंझुनूं
अंचल में हवाई सेवा की लंबे समय से कमी महसूस की जा रही है। जिले के उद्योगपति समय-समय पर आते जाते रहते हैं। यहां स्कूल आने वाले विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों के लिए भी हवाई सेवा शुरू होनी चाहिए। हवाई सेवा शुरू होने से शिक्षा जगत को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। पूरे जिले का विकास होगा। -धीरेन्द्र सिंह, शिक्षाविद्, पिलानी

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