पदोन्नति का तोहफा तो मिला, सीट अभी हाथों से दूर अब परीक्षाओं के बाद होगा पदस्थापन उप प्राचार्य की डीपीसी हुए एक माह हुआ
बीकानेर. शिक्षा विभाग के शिक्षकों और अन्य कार्मिकों को विभाग ने पदोन्नति का तोहफा दे दिया है, लेकिन अभी यह तोहफा कागजों की शोभा बढ़ा रहा है। जो कार्मिक पदोन्नति हुए थे उन्हें अभी तक सीट नहीं मिली है। अब शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर परीक्षाओं के बाद पदस्थापन देने को कहा है। जब तक पदोन्नति कार्मिक अपनी वर्तमान सीट पर ही काबिज रहेगा। शिक्षा विभाग की एक माह पहले उप प्राचार्य पद की पदोन्नति बैठक हुई थी। यह बैठक राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर में हुई थी। इसमें करीब एक हजार व्याख्याताओं को उप प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया गया था। लंबे समय बाद अब उन्हें पदोन्नत कर खुश तो कर दिया लेकिन उन्हें पदस्थापन आदेश जारी नहीं किए । उन्हें आदेश जारी कर यह कह दिया है कि जो व्याख्याता जिन स्थानों पर वर्तमान में जहां पर कार्यरत हैं।
उसी स्थान पर कार्यरत रहें, नए पदस्थापन के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे लेकिन उन्हें पदोन्नति का लाभ से वंचित नहीं रखा जाएगा। व्याख्याताओं के अलावा वरिष्ठ शिक्षकों की भी पदोन्नति की गई है लेकिन उनका मामला अदालत में चले जाने के कारण रोका हुई है। आदेश में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग की सत्र 2021-22 की नियमित डीपीसी एवं रिव्यू डीपीसी से पदोन्नत कार्मिकों (वरिष्ठ अध्यापकों को छोड़कर ) की काउंसलिंग कर पदस्थापन परीक्षाओं के बाद किया जाएगा। उपरोक्त विषयान्तर्गत विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में जिन चयनित कार्मिकों की पदोन्नति कार्यालय स्तर पर हुई है व जिनका राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर से अनुमोदन प्राप्त हो गया है। उन समस्त कार्मिकों को एक बार यथास्थान पर पदोन्नति पश्चात् कार्यग्रहण कराया जाए। परीक्षाओं के बाद काउन्सलिंग की तिथि का निर्धारण कर अवगत कराया जाएगा।
काउंसलिंग पर संशय
उप प्राचार्य पद पर पदोन्नत हुए व्याख्याताओं की काउंसलिंग कैसे की जाएगी। इस संबंध में अभी तक संशय बना हुआ है। व्याख्याताओं का कहना है कि करीब एक हजार उप प्राचार्य की काउंसलिंग की ऑफ लाइन की जाए। ताकि तकनीक कारणों से ऑनलाइन में किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न न हो।

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