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शनिवार, 8 अप्रैल 2023

श्रीगंगानगर के तीन सहित छह कॉलजों ने विद्यार्थियों के भविष्य से किया खिलवाड़



 श्रीगंगानगर के तीन सहित छह कॉलजों ने विद्यार्थियों के भविष्य से किया खिलवाड़

श्रीगंगानगर. श्रीगंगानगर के तीन और हनुमानगढ़ के दो सहित छह महाविद्यालयों ने विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। नियमों की पालना नहीं करने पर सरकार ने एनओसी जारी नहीं की थी। वहीं, एमजीएसयू बीकानेर ने इन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को नियमित प्रवेश देने पर रोक भी लगा रखी थी। इसके बावजूद विद्यार्थियों को गलत तरीके से नियमित प्रवेश दिया गया। इनमें डॉ. राधाकृष्णन गर्ल्स कॉलेज श्रीगंगानगर, इन्दिरा गांधी मेमोरियल कॉलेज जाखड़ांवाली, महाराजा गंगासिंह मेमोरियल कॉलेज जैतसर, प्रेरणा कन्या महाविद्यालय, छानीबड़ी भादरा, सर्वेश कॉलेज घड़साना व एमडी डिग्री कॉलेज बज्जू आदि शामिल है। अब एमजीएसयू बीकानेर ने इन महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को प्राइवेट प्रवेश दिया है। जबकि बीएससी के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिला हैै।


27 महाविद्यालयों को किया था चिन्हित

विश्वविद्यालय ने बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर के 27 महाविद्यालयों को चिन्हित कर 29 जनवरी 2022 को एक आदेश जारी किया। ऐसे महाविद्यालयों में सत्र 2022-23 से प्रथम वर्ष में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। साथ ही इसकी सूचना संबंधित महाविद्यालयों को दी गई।


विवि की रोक के बावजूद दिया प्रवेश

महाविद्यालयों का यह कृत्य पूर्णत: नियम विरुद्ध एवं अवैधानिक था। इन महाविद्यालयों के प्रवेश पर रोक होने के कारण परीक्षा फार्म नहीं भरे गए। इससे विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद महाविद्यालयों ने विद्यार्थियों को सही स्थिति नहीं बताते हुए भ्रम की स्थिति में रखा। विद्यार्थियों की ओर से जब विश्वविद्यालय से संपर्क किया गया तब पता चला कि महाविद्यालयों ने विद्यार्थियों को अंधेरे में रखकर अवैध रूप से प्रवेश दिया है।


एमजीएसयू बीकानेर अब इन महाविद्यालयों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करेगा। हालांकि इन महाविद्यालयों में जिन विद्यार्थियों ने प्रवेश ले रखा था उनको एमजीएसयू ने प्राइवेट प्रवेश दिया है। जबकि बीएससी के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जा सकता। इन महाविद्यालयों को नियमित प्रवेश नहीं देने के लिए पाबंद किया हुआ था, इसके बावजूद विद्यार्थियों को भ्रमित कर नियमित प्रवेश दिया गया। -बिठ्ठल बिस्सा, उप सचिव शैक्षणिक, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू),बीकानेर।


राज्य सरकार के नियमों पर नहीं उतरे खरे

विश्वविद्यालय प्रबन्ध बोर्ड की 36 वीं बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय से संबद्ध ऐसे 27 महाविद्यालय जिनको राज्य सरकार की ओर से निर्धारित नियमों की पूर्ण पालना नहीं करने के कारण पिछले पांच वर्ष से अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया था। ऐसे महाविद्यालयों को बार-बार चेतावनी दी गई। इसके बावजूद इनकी ओर से राज्य सरकार से एनओसी प्राप्त कर विश्वविद्यालय को प्रस्तुत नहीं की गई।


न्यायालय में याचिका लगाई

महाविद्यालयों की ओर विद्यार्थी हित का तर्क देकर इस प्रकरण को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में याचिका दायर कर परीक्षा फार्म भरवाने के लिए निवेदन किया गया। यहां भी महाविद्यालयों ने विद्यार्थियों को गुमराह करते हुए उनके माध्यम से उच्च न्यायालय जोधपुर में याचिकाएं दायर करवाई गई। उच्च न्यायालय ने ऐसे समस्त समानान्तर प्रकरणों में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय का पक्ष सुनकर महाविद्यालयों की ओर से किए गए अवैध कृत्यों को गलत मानते हुए एनओसी के बिना महाविद्यालयों का संचालन करना गैर कानूनी माना। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि महाविद्यालय अपने हितों के लिए विद्यार्थियों को भ्रम में रखकर जो प्रवेश संबंधी कार्यवाही करते हैं वह गैरकानूनी है।

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