
स्कूलें भरपूर पर शिक्षकों का टोटा... कैसे गढ़ा जाए देश का भविष्य
अलवर. जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी है। इसके कारण एक-एक शिक्षक पर कई पदों को भार है। शिक्षा की गुणवत्ता इससे बाधित हो रही है। जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। सरकारी स्कूलों की संख्या 2800 है। प्रधानाध्यापक से लेकर परिचारक के 6115 पद खाली हैं। यानी कि बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग काफी जोर- शोर से स्कूलों को सेकेंडरी स्कूल से सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में तब्दील कर रहा है पर शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जिले में शहरी क्षेत्र का शिक्षा स्तर तो अच्छा है लेकिन गांवों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते भार दूसरे शिक्षकों पर पड़ रहा है जिससे गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। शहरी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है और गांवों में छात्र ज्यादा हैं। ग्रामीण इलाकों में तमाम बार तो बच्चे स्कूल जाते हैं लेकिन शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती। लोगों ने इसको देखते हुए अपने बच्चे निजी स्कूलों में भी पढ़ाने शुरू कर दिए हैं।
ये है स्थिति : जिले में सभी स्कूलों में प्रिंसिपल से लेकर चतुर्थ श्रेणी के पदों की संख्या 17824 है। इसमें से केवल 11709 पदों पर ही तैनाती की गई है। बाकी 6115 पद रिक्त हैं, जिसमें प्रिंसिपल, लेक्चरर, सीनियर टीचर, पीईटी, लैब असिस्टेंट, लाइब्रेरियन, सीनियर असिस्टेंट, जूनियर असिस्टेंट, जमादार, लैब बॉय आदि पद शामिल हैं। आने वाले शैक्षिक सत्र में कई पदों के भरने की उम्मीद है। वाइस प्रिंसिपल पद के लिए काउंसिल होने के बाद नियुक्तियां होंगी। यह सरकार के आदेश के मुताबिक होगा।- भूपसिंह नरुका, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर।
प्रिंसिपल - 219
वाइस प्रिंसिपल - 511
लेक्चरर ग्रेड फर्स्ट - 508
सीनियर टीचर - 764
टीचर ग्रेड थर्ड के लेवल टू में - 978
टीचर ग्रेड थर्ड लेवल प्रथम में - 879
पीईटी - 135
लैब असिस्टेंट - 91
लाइब्रेरियन - 69
सीनियर असिस्टेंट - 39
जूनियर असिस्टेंट- 188
जमादार - 25
लैब बॉय - 96
चतुर्थ श्रेणी - 1010
सहायक प्रशासनिक अधिकारी - 31
अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी - 11
बेसिक कम्प्यूटर इंस्ट्रक्टर- 486
वरिष्ठ कम्प्यूटर प्रशिक्षक - 19
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