अब शिक्षा अधिकारी लेंगे विद्यालयों को गोद
शिक्षा निदेशक ने जारी किए आदेश: सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की करनी होगी कोशिश
बीकानेर. अब तक तो भामाशाह ही स्कूलों को गोद लेकर उन्हें संवार रहे थे और स्कूल का स्टाफ इसके लिए प्रयास करता था। अब शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल का भौतिक विकास कराने के साथ-साथ अकादमिक विकास भी कराएंगे। राज्य के ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों से लेकर संयुक्त निदेशक तक को अपने-अपने क्षेत्र में तीन-तीन स्कूलों को गोद लेने के निर्देश दिए गए है। जिन्हें अधिकारी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना होगा। शिक्षा अधिकारी को गोद लिए स्कूल का महीने में दो बार भौतिक रूप से परिवीक्षण तथा संबलन करना होगा। भौतिक तथा अकादमिक उन्नयन के लिए वार्षिक योजना तैयार करनी होगी। समस्याओं व आवश्यकताओं को चिन्हित कर निराकरण को कार्य योजना में शामिल करना होगा। स्कूल की प्राथमिक तथा बोर्ड कक्षाओं पर ध्यान देना होगा। गोद लिए स्कूल में अभिभावक अध्यापक परिषद तथा एसडीएमसी की बैठकों में भी शामिल होना होगा।
ये अधिकारी लेंगे स्कूल गोद
शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने संभाग से लेकर ब्लॉक स्तर के शिक्षा अधिकारियों को स्कूल गोद लेने की जिम्मेदारी है। संयुक्त निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक एवं प्रारंभिक), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा तथा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं पदेन बीआरसीएफ समग्र शिक्षा।
10 को भेजनी होगी रिपोर्ट
योजना में ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाएगा, जिसके बोर्ड परिणाम में सुधार करने तथा भौतिक रूप से विकसित करने की आवश्यकता है। गोद लिए स्कूलों की जानकारी 10 अप्रेल तक संभागीय संयुक्त निदेशक को भेजनी होगी। स्वयं संभागीय संयुक्त निदेशक भी संभाग में 3 स्कूलों को गोद लेंगे। संयुक्त निदेशक इसकी रिपोर्ट शिक्षा निदेशक को भेजेंगे।
स्कूलों की दशा में होगा सुधार
शिक्षा अधिकारी तथा प्राचार्य के स्कूल गोद लेने से स्कूलों की दशा सुधरेगी और शिक्षण व्यवस्था में भी सुधार होगा। गोद लेने के बाद स्टाफ भी स्कूलों का भौतिक और अकादमिक में सुधार हो सकेगा। साथ ही भामाशाह से भी संपर्क कर स्कूलों का विकास संभव हो सकेगा।- गौरव अग्रवाल, शिक्षा निदेशक बीकानेर
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