सरकारी स्कूल के हजारों बच्चों के लिए नहीं पीने का पानी
सीकर. हर घर जल पहुंचाने के दावे व वादे करने वाली सरकारें अब तक सैंकड़ो बच्चों वाले स्कूलों तक में पानी नहीं पहुंचा पा रही। आलम ये है कि जिले की 224 सरकारी स्कूल में अब तक पेयजल की स्थाई व्यवस्था नहीं है। यहां बच्चे पड़ोस या टेंकर के पानी पर निर्भर है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जन- जन तक जल पहुंचाने व सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए शासन व प्रशासन कितनी संजीदा है।
इनका कहना है
जो स्कूल पेयजल व्यवस्था से वंचित है उनके लिए जलदाय विभाग के साथ मिलकर पानी पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। विभागीय बैठकों में इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।-विनोद जानू, सीडीईओ, सीकर।
सात ब्लॉक में पानी की परेशानी
सरकारी स्कूलों में पानी की परेशानी जिले के आठ ब्लॉक में है। ये ब्लॉक पाटन, दांतारामगढ़, नीमकाथाना, अजीतगढ़, खंडेला व पलसाना है। पाटन में 68, दांतारामगढ़ में 58,नीमकाथाना में 48, अजीतगढ़ में 36, खंडेला में 13 तथा पलसाना ब्लॉक की एक स्कूल में पेयजल की स्थाई व्यवस्था नहीं है।
253 ने जेजेएम में किया आवेदन, 175 बाकी
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 1904 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 1680 स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था है। परेशानी के चलते 253 स्कूलों ने जल जीवन मिशन के तहत पानी के लिए आवेदन किया है। वहीं, 175 स्कूल में पानी का कोई स्त्रोत नहीं है।

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