
प्रशिक्षु वीडीओ को ‘अधिकार’ बताने के लिए एक-एक हजार में बेची किताबें!
अलवर. जिला परिषद फिर एक बार चर्चा में है। प्रशिक्षु ग्राम विकास अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के बाद एक-एक हजार रुपए में किताबें दी गईं जबकि इसकी आवश्यकता महसूस ही नहीं हो रही थी। यह मामला प्रदेश सरकार को भेजा गया है। कहा है कि प्रशिक्षण में हर बारीकियां बताई गईं। साथ ही सरकार की ओर से भेजा गया साहित्य ही पर्याप्त था। ऐसे में बाजार से पंचायती राज एक्ट की किताबें क्यों मंगवाई गईं? इसकी जांच की मांग की है।
रूपबास निवासी अंकित चौहान, विजय सिंह आदि ने पंचायती राज विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी शिकायत में कहा है कि 226 ग्राम विकास अधिकारियों को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया। इस आवासीय प्रशिक्षण के लिए 30 लाख रुपए का टेंडर निकाला गया। आरोप हैं कि टेंडर महंगा है जबकि इससे सस्ता रहना-खाना कहीं भी हो सकता था। सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया है। कहा है कि पंचायती राज एक्ट से जुड़ी एक किताब बाजार से खरीदकर करीब 60 ग्राम विकास अधिकारियों को मुहैया कराई गई। एक किताब की कीमत एक हजार रुपए है। आरोप हैं कि यदि ग्राम विकास अधिकारियों को इस किताब की जरूरत होती तो वह स्वयं खरीद लेते। यह किताबें खपाने के लिए दी गई हैं। इसमें कमीशन का खेल हुआ है। जिला परिषद के एक अधिकारी की मिलीभगत सामने आ रही है। यह भी कहा है कि इस खेल के बारे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जानकारी ही नहीं दी गई। जांच होगी तो कई पर कार्रवाई होगी।
शिकायतें मिलेंगी तो दिखवाएंगे
अधिकारियों का प्रशिक्षण पहले हुआ है। प्रशिक्षण के दौरान पैसे लेकर किताबें बांटने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। न ही सरकारी भुगतान इनका हुआ है, फिर भी शिकायत मिलेगी तो दिखवाएंगे।-कनिष्क कटारिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी।
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