Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

मंगलवार, 6 जून 2023

पायलट के बाद अब पेपर लीक पर ED की घेराबंदी शुरू, चुनावी साल गहलोत सरकार पर पड़ेगा ये असर

 

पायलट के बाद अब पेपर लीक पर ED की घेराबंदी शुरू, चुनावी साल गहलोत सरकार पर पड़ेगा ये असर

जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में भले कितनी ही अच्छी योजनाएं लान्च की हो लेकिन पेपर लीक कांड भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। पेपर लीक माफियाओं ने बार बार अलग अलग परीक्षाओं के पेपर लीक किए। कुछ परीक्षाओं को सरकार को रद्द भी करने पड़े। पेपर लीक कांड ने सरकार की खूब किरकिरी कराई है। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने भी पेपर लीक मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। पेपर लीक मामले को सचिन पायलट ने भी उठाया है। उधर, बेरोजगार महासंघ की ओर से सरकार के खिलाफ कई आन्दोलन किए जा चुके हैं। अब पेपर लीक मामले में ईडी की एंट्री ने इस मामले को फिर गर्मा दिया है।


सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा बना पेपर लीक कांड

भारतीय जनता पार्टी ने पेपर लीक मुद्दे को बड़ा हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की ओर से मुख्यमंत्री निवास और मंत्रियों के आवास पर कई बार धरना प्रदर्शन किए गए। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि पेपर लीक कांड सरकार के संरक्षण में हुए हैं। अब तक जो भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। उन आरोपियों के संबंध कई राजनेताओं के साथ पाए गए हैं। कई आरोपियों की नेताओं के साथ खींचे गए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा आरोप लगा चुके हैं कि पेपर लीक माफियाओं के तार राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हैं।


चेयरमैन और मेम्बर ने कराई ज्यादा किरकिरी

पेपर लीक की घटनाएं तो पहले भी होती आई है लेकिन इस बार हुए पेपर लीक मामलों में परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसियों के कर्ताधर्ता ही लिप्त पाए गए हैं जिनकी नियुक्ति सरकार करती है। रीट पेपर लीक के मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन प्रो. डीपी जोरोली की लिप्तता पाई जाने पर सरकार ने उन्हें बर्खास्त किया था। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर बेचने के आरोप में आरपीएससी का सदस्य बाबूलाल कटारा गिरफ्तार किया गया जिन्हें गहलोत सरकार की सिफारिश से ही मेम्बर बनाया गया था। ऐसे में पेपर लीक के मामले सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।


बेरोजगारों की संख्या 20 लाख से ज्यादा इसलिए पड़ेगा असर

अलग अलग प्रतियोगिता परीक्षाओं में बेरोजगारों द्वारा किए जा रहे आवेदन की संख्या के लिहाज से राजस्थान में करीब 20 लाख स्नातक युवा बेरोजगार है। पिछले चार साल में 9 प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। बार बार पेपर लीक होने से बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा होता है। लाखों युवा अपना गांव छोड़कर शहरों में किराए के कमरे में रहते हुए कोचिंग करक परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। सालभर मेहनत करने के बाद जब पेपर लीक होता है तो युवाओं के सपनों पर पानी फिर जाता है। ऐसे में युवाओं के मन में सरकार के प्रति काफी आकोश है। इस आक्रोश का नुकसान सरकार को झेलना पड़ेगा।


आरोपों से ऐसे बचने की कोशिश कर रही है सरकार

पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद कई बार बयान दे चुके हैं। सीएम गहलोत का कहना है कि पेपर लीक केवल राजस्थान में नहीं हो रहे बल्कि यह पूरे देश की समस्या है। कई राज्यों में अलग अलग प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। सीएम गहलोत का कहना है कि राजस्थान सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाया है। ऐसा सख्त कानून बनाने वाला राजस्थान पहला राज्य है। साथ ही पेपर लीक करने वालों की गिरफ्तारिया भी हो रही है चाहे वह कितने भी बड़े पद पर क्यों नहीं हो। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें