
कम नामांकन की बनी सूची, दस हजार स्कूलों पर लगेंगे ताले !, पच्चीस से कम नामांकन के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय किए चिह्नित
बाड़मेर. प्रदेश में एक बार फिर से स्कूलों पर ताले लगाने की कवायद चल रही है। सरकार ने प्रदेश के ऐसे विद्यालयों की सूची बनाई है जहां नामांकन पच्चीस से कम है। सूची में प्रदेश के 10315 विद्यालय आए हैं। हालांकि अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि इन विद्यालयों को कब और कौनसे विद्यालय में मर्ज किया जाएगा। आशंका यह है कि सरकार इन विद्यालयों को बंद कर सकती है। जोधपुर, जयपुर, नागौर व बाड़मेर में ऐसे विद्यालयों की तादाद ज्यादा है जबकि धौलपुर व सिरोही में सौ से कम विद्यालय सूची में हैं।
नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही निदेशालय प्राथमिक शिक्षा ने प्रदेश के कम नामांकन वाले विद्यालयों की सूची प्रकाशित की। इसमें प्रदेश के ऐसे राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं जिनका नामांकन 25 से कम है। सूची में नजदीकी विद्यालय का नाम, दूरी और डाइस व एनआइसी कोड की सूचना है। इसके चलते यह माना जा रहा है कि सरकार इन विद्यालयों को पास के स्कूल में मर्ज कर सकती है। ऐसे में ये विद्यालय बंद होने की संभावना जताई जा रही है।
25 से कम नामांकन के सर्वाधिक विद्यालयों वाले जिले
सूची के अनुसार पहली से आठवीं तक कम नामांकन वाले सर्वाधिक विद्यालयों की सूची में जोधपुर 831, जयपुर 814, बाड़मेर 796, नागौर 752 विद्यालयों के नाम है।
इन जिलों में कम स्कूल
प्रदेश के सिरोही में 51, धौलपुर में 65, सवाई माधोपुर व भरतपुर में 125-125 , प्रतापगढ़ में 132 विद्यालय ऐसे हैं जहां का नामांकन तीस से कम है। निदेशालय की सूची को देख कर लगता है कि सरकार फिर से कम नामांकन वाले विद्यालयों को मर्ज करने की तैयारी कर रही है। सरकार से मांग है कि इन विद्यालयों को मर्ज करने की जगह बेहतर शिक्षा का प्रबंध करे जिससे कि आसपास के विद्यार्थी जुड़ सके। सरकार सकारात्मक निर्णय ले। - बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा बाड़मेर
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