
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट: पेपर लीक पर अब होगी उम्र कैद, संशोधन विधेयक लाएगी सरकार
जयपुर . प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू होने के बावजूद भी पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं। अब सरकार ने नकल विरोधी कानून को और सख्त करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि कानून में संशोधन कर उम्र कैद तक के प्रावधन किए जाएंगे। इसके लिए सरकार विधानसभा में संशोधन विधेयक लाएगी। बताया जा रहा है कि चुनाव को देखते सरकार ने ये कड़े कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य सचिव को भी आरपीएससी, डीओपी और कर्मचारी चयन बोर्ड के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश दिए हैं। नकल विरोधी कानून में संशोधन को सचिन पायलट की डिमांड से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
फिंगर प्रिंट के साथ आईरिस स्कैन
फिजिकल व लिखित परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों को पकड़ने के लिए इस बार अभ्यर्थी के फिंगर प्रिंट के साथ आइरिस स्कैन भी किया जाएगा। सभी बदलाव पर निर्णय लेने के बाद पुलिस मुख्यालय ने भर्ती का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। अनुमति मिलते ही विज्ञप्ति जारी की जाएगी।
पेपर...
पायलट ने तीन प्रमुख डिमांड रखी थी, उनमें से एक पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान भी है।
बजट सत्र में पारित हुआ था नकल विरोधी बिल
दरअसल पेपर लीक मामलों की पर रोकथाम और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए गहलोत सरकार ने इसी साल बजट सत्र में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक- 2022 पारित कराया था।
मौजूदा कानून में ये है प्रावधान
मौजूदा नकल विरोधी कानून में पेपर लीक करने पर 5 से 10 साल कारावास और 10 लाख से 10 करोड़ का अर्थ दंड दिए जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही संपत्ति को कुर्क करने जैसे प्रावधान भी हैं। वहीं परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थी को 3 साल की सजा और एक लाख रुपए अर्थदंड का प्रावधान है।
पेपल लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी सत्र में बिल लाने का फैसला किया है। अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री गहलोत को बताना चाहिए नए कानून के तहत अब तक कितने पेपर लीक के आरोपियों को पकड़ा और सजा दिलाई।राजेंद्र राठौड़, नेता प्रतिपक्ष
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