व्याख्याता भर्ती का परिणाम जारी, कई विवि के एमए के परिणाम अटके
सीकर. एक और राज्य सरकार चुनावी वर्ष के अंतिम महीनों में चुनावी रंग में रंग चुकी है। मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री जहां-जहां जा रहे हैं वहां युवाओं को रोजगार देने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं।इन्हीं घोषणाओं में से एक स्कूल व्याख्याता भर्ती 2022 प्रक्रियाधीन है। आरपीएससी ने प्रथम श्रेणी व्याख्याता भर्ती का परिणाम जारी कर दिया है लेकिन कोटा ओपन विश्वविद्यालय के एमए के कुछ परिणाम अटके हुए हैं जिससे कि अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फिर गया है। आरपीएससी की ओर से जारी विज्ञप्ति में प्रावधान है कि आवेदक को संबंधित विषय की परीक्षा से पूर्व शैक्षणिक अहर्ता अर्जित करनेका सबूत देना होगा। अर्थात जिस अभ्यर्थी का परिणाम आरपीएससी की ओर से ली गई परीक्षा के बाद में आया है वो अपात्र घोषित कर दिए जाएंगे।
पिछले साल आरपीएससी की ओर से निर्धारित मापदंडों के अनुसार सामान्य अभ्यर्थियों की तरह अंतिम वर्ष में अध्ययनरत बीएड एवं एमए के हजारों अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था, उनमें से अलग-अलग विषयों में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों का चयन भी हुआ। कोटा ओपन विश्वविद्यालय की ओर से दो वर्षीय वर्षीय एमए का पाठ्यक्रम लगभग तीन वर्ष में पूर्ण कराया गया है। इस कारण एमए फाइनल के कुछ विषयों का रिजल्ट आरपीएससी की ओर से आयोजित प्राध्यापक भर्ती 2022 की लिखित परीक्षा से पूर्व घोषित कर दिए गए हैं। कुछ विषयों के परिणाम चंद दिनों बाद घोषित हुए जिससे कि अभ्यर्थियों के चयन पर तलवार लटक गई है। एक-दो विषय का रिजल्ट आरपीएससी का रिजल्ट 4 दिन देरी से आया।
इस देरी के कारण काफी योग्य अभ्यार्थियों का चयन निरस्त कर दिया जाएगा। उक्त विश्वविद्यालयों ने परिणाम लेट आने का दोष कोविड-19 को दिया है। विश्वविद्यालयों ने आरपीएससी को पत्र लिखा जिसमें कोरोना के कारण प्रभावित हुए सेशन का जिक्र किया गया है। पत्र में यह भी लिखा है कि जिन विषय की परीक्षा आरपीएससी की ओर से ली गई परीक्षा से पूर्व सम्पन हो गई थी। कुछ कारणों से परिणाम में देरी हुई, उन स्टूडेंट्स को राहत देने की मांग की गई है। आयोग ने इसका अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है इस कारण अभ्यर्थी पशोपेश में है।
कई यूनिवर्सिटी ने बीएड का रिजल्ट भी देरी से दिया
ठीक इसी प्रकार बीएड अंतिम वर्ष सत्र 2020-2022 के परिणाम भी प्रभावित हुए हैं। राजस्थान की आधी यूनिवर्सिटी ने परिणाम आरपीएससी परीक्षा से पहले जारी कर दिए थे। कई यूनिवर्सिटी बीएड का परिणाम जारी नहीं कर पाई, इस कारण बहुत से अभ्यर्थी व्याख्याता भर्ती में पास होने के बावजूद प्रभावित हो रहे हैं। प्रभावित विश्वविद्यालयों ने भी आयोग को पत्र लिखकर बीएड अंतिम वर्ष के अभ्यर्थियों को राहत देने की मांग की है। आयोग ने इसका भी अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
अभ्यर्थियों ने सीएमओ व शिक्षामंत्र को दिया ज्ञापन
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने बताया कि मांग को लेकर पिछले दिनों आरपीएससी के सक्षम अधिकारियों से वार्तालाप की थी। उन्होंने जल्द इस विषय पर विद्यार्थियों के पक्ष में निर्णय करने की बात कही है। आरपीएससी की की ओर से प्राध्यापक भर्ती-2022 के चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है, लेकिन हमारी इस मांग का निस्तारण नहीं किया गया। सीएमओ में प्रशासनिक अधिकारियों व शिक्षा मंत्री को इस संदर्भ में ज्ञापन देकर इस मामले का जल्द निस्तारण कराने की मांग की है। चेतावनी दी है कि यदि जल्द इस मामले का विद्यार्थियों के पक्ष में निस्तारण नहीं किया गया तो समस्त चयनित अभ्यर्थी एक साथ आरपीएससी के समक्ष आमरण अनशन पर बैठेंगे।
इनका कहना है
आरपीएससी को थोड़ा सा धैर्य रखना चाहिए। यूनिवर्सिटी की गलती का खामियाजा अर्भ्यर्थियों पर नहीं डाले। बेरोजगारी के इस दौर में अभ्यर्थी की संपूर्ण मेहनत खराब हो गई है।ऐसे अभ्यर्थियों को मौका दिया जाना चाहिए और परिणाम की लिस्ट को पुन: रिवाइज किया जाना चाहिए ताकि बच्चों के साथ न्याय हो सके। अभ्यर्थी कोर्ट भी जा सकते हैं।-डॉ. जयंतीलाल खंडेलवाल
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