Income Tax: आयकर विभाग ने वेतनभोगी वर्ग को दी बड़ी राहत
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत दी है। पहले आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद करदाताओं को नियमित मूल्यांकन यानी रेगुलर स्क्रूटनी के लिए एक साल तक नोटिस भेजा जा सकता था, लेकिन अब इस अवधि को घटाकर तीन माह कर दिया गया है। रेगुलर स्क्रूटनी के तहत विभाग करदाताओं से आय, कर या दस्तावेज में विसंगति से संबंधित जानकारी मांगता है। चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) और टैक्स विशेषज्ञ मनीष कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकार के फैसले से मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा को राहत मिली है। उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 31 जुलाई तक आइटीआर दाखिल किए जाएंगे। इसको मूल्यांकन वर्ष 2023-24 भी कहा जाता है। 31 मार्च, 2024 को मूल्यांकन वर्ष खत्म हो जाएगा। उस दिन के बाद ही यह तीन महीने की अवधि जोड़ी जाएगी।
इसका मतलब आडिट के बाद देरी से आइटीआर रिटर्न दाखिल करने के तीन साल तक संभालकर रखने होते थे। इस यह है कि 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी इस के भीतर ही विभाग आपको नोटिस फैसले से विभाग का बोझ भी कम दाखिल करने वालों को 30 जून, बदलाव का लाभ मिलेगा। दे सकता है। पहले यह अवधि होगा। हालांकि 50 लाख से अधिक 2024 के बाद आयकर विभाग की गुप्ता ने बताया कि आयकर छह साल की थी। नोटिस देने की की इनकम टैक्स चोरी के मामले में और से नियमित नोटिस नहीं भेजा विभाग पचास लाख से कम इनकम अवधि अधिक होने पर करदाताओं विभाग 10 साल तक नोटिस भेज जा सकेगा। गुप्ता ने बताया कि खाता टैक्स संबंधी चोरी के मामले में को अपने कागजात उस पूरी अवधि सकता है।
8.75 लाख एचयूएफ ने दाखिल किया रिटर्न
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि 8.75 लाख से अधिक हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है और 2022-23 के दौरान 3,803 करोड़ रुपये की कर कटौती का दावा किया है। वित्त मंत्रालय ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कर छूट का लाभ आयकर अधिनियम के अध्याय 6ए के तहत कटौती) उठाने वाले एचयूएफ की संख्या का विवरण प्रदान किया। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सरकार ने देश में एचयूएफ को किया है। इस पर मंत्री ने कहा कि कर छूट लाभ पर समान नागरिक संहिता के प्रभाव का आकलन ऐसा कोई आकलन नहीं किया गया है, क्योंकि वर्तमान में इस तरह का कोई कानून नहीं है। वर्तमान में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद एचयूएफ की स्थिति को लेकर बहस चल रही है। हिंदू कानून के तहत एचयूएफ को एक परिवार माना जाता है। इसमें जैन और सिख परिवार भी शामिल हैं। आयकर अधिनियम एचयूएफ को कानूनी व्यक्ति' का दर्जा देता है।
बड़े कर चोरों पर शिकंजा कस रहा है आयकर विभाग
आयकर चोरी करने वाली बड़ी मछलियों पर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। मंगलवार को वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में कर चोरी के मामले में 741 कंपनियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया गया और 1765 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। वित्त वर्ष 2021-22 में 686 कंपनियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाकर 1, 159 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020- 21 में 569 समूह के खिलाफ सर्च अभियान चलाकर 880 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी


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