
24 निजी स्कूलों की एनओसी वापस लेने की सिफारिश आरटीई के तहत नहीं दिया प्रवेश, जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा विभाग को भेजा प्रस्ताव
जयपुर. शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्रवेश नहीं देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी ने बड़ी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू की है। शहर के ऐसे 24 निजी स्कूलों की एनओसी वापस लेने की सिफारिश की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इसका प्रस्ताव बनाकर शिक्षा विभाग को भेज दिया है। अब शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव पर विचार करेगा। अगर विभाग ने एक्शन लिया तो स्कूलों की मान्यता पर भी संकट आ सकता है।
विभाग की ओर से जुलाई में आरटीई के तहत बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी की थी। पंद्रह हजार से अधिक स्कूलों में 76 हजार बच्चों को आरटीई के तहत एडमिशन दिया गया था। लेकिन जयपुर में अधिकतर निजी स्कूलों ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। पिछले डेढ़ महीने से अभिभावक और बच्चे स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं। अगस्त बीतने के बाद भी बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। अभिभावकों की ओर से हजारों शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहुंच रही थीं।
भारतीय विद्या भवन विद्या आश्रम स्कूल
जयपुर स्कूल
रूकमणि बिरला मॉडर्न हाई स्कूल
सेंट्रल एकेडमी
वॉरेन एकेडमी स्कूल
संस्कार स्कूल
मॉडर्न पब्लिक स्कूल
वर्धमान श्री कल्याण इंटरनेशनल स्कूल
वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल
ब्राइटलैंड गर्ल्स सीनियर सैकंडरी स्कूल
सीडलिंग मॉडर्न हाई स्कूल
टैगोर इंटरनेशनल स्कूल
श्री माहेश्वरी सी.सै. स्कूल
नीरजा मोदी स्कूल
सीडलिंग पब्लिक स्कूल
कपिल ज्ञान पीठ
महाराजा सवाई भवानी सिंह स्कूल
महाराजा सवाई मानसिंह स्कूल
सेंट एडमन्स कॉन्वेंट स्कूल
कैम्ब्रिज कोर्ट वर्ल्ड स्कूल
ज्ञान विहार स्कूल
द पैलेस स्कूल
डिफेंस पब्लिक स्कूल
भारतीय विद्या भवन आश्रम स्कूल प्रताप नगर
आरटीई के तहत प्रवेश नहीं मिलने की समस्या को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जयपुर जिले में 100 से अधिक स्कूलों को नोटिस जारी किए थे। इतना ही नहीं, एक दर्जन स्कूलों को चेतावनी नोटिस जारी किया। नोटिस जारी करने के बाद भी स्कूलों ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया।
अब शिक्षा विभाग की बारी
आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलोें पर कार्रवाई करने का दबाव शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों पर बनाया। अब अधिकारियों ने भी कार्रवाई कर गेंद शिक्षा विभाग के पाले में डाल दी। देखना यह है कि क्या विभाग बच्चों के हित में निजी स्कूलों पर एक्शन लेगा।
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