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गुरुवार, 14 सितंबर 2023

शिक्षा विभाग की चुनौती...28 हजार ही पद खाली, कैसे देंगे 48 हजार को नियुक्ति

 

शिक्षा विभाग की चुनौती...28 हजार ही पद खाली, कैसे देंगे 48 हजार को नियुक्ति


सीकर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बांट जोहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है। एक तरफ सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में प्रथम लेवल के अभ्यर्थियों के लिए जिला आवंटन कर दिया है। इस महीने में नव नियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन की कवायद भी होगी। वहीं तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के द्वितीय लेवल का भी परिणाम आना शुरू हो गया है। दूसरी तरफ स्कूलों के लगातार क्रमोन्नत करने से शिक्षा विभाग की नए शिक्षकों के पदस्थापन से पहले गणित बिगड़ गया है। 


राज्य सरकार की ओर से इस कार्यकाल में अब तक 6 हजार से अधिक स्कूलों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत कर दिया गया है लेकिन विभाग एक वर्ष पूरा होने के बाद भी इन विद्यालयों में शिक्षक नहीं लग सके। इस वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई लगातार बाधित हो रही थी। वहीं विभाग में लगभग 25 हजार शिक्षक अधिशेष चल हैं। प्रारंभिक शिक्षा के विद्यालयों के माध्यमिक में क्रमोन्नत होने पर प्रारंभिक शिक्षा के स्टाफ को अधिशेष कर दिया गया। 


ऐसे में जो शिक्षक अधिशेष चल रहे हैं और उनका वेतन प्रारम्भिक शिक्षा के अन्य विद्यालयों के रिक्त पदों से आहरित किया जा रहा है। जबकि वह शिक्षक काम क्रमोन्नत माध्यमिक विद्यालमों में ही कर रहे हैं। क्रमोन्नत विधालयो में चार पद तृतीय श्रेणी अध्यापकों के रिक्त हैं। प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों के द्वितीय श्रेणी शिक्षकों का समायोजन क्रमोन्नत विद्यालय में कर दिया गया है, जबकि तृतीय श्रेणी के चार शिक्षकों का समायोजन एक वर्ष होने के बाद भी अटका हुआ है।



तो वेतन के पडेंगे लाले

अधिशेष शिक्षकों का वेतन प्रारंभिक शिक्षा के अन्य स्कूलों रिक्त पदों से उठ रहा है। ऐसे में नवनियुक्त शिक्षक जिस दिन वहां कार्य ग्रहण कर लेंगे उसी दिन अधिशेष शिक्षकों का वेतन बंद हो जाएगा, जिससे विभाग और शिक्षकों को बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।



आफत: द्वितीय लेवल में पांच हजार पद बढ़ाने की मांग मुखर

तृतीय श्रेणी द्वितीय लेवल में पद बढ़ोतरी की मांग भी लगातार मुखर हो रही है। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने भर्ती की घोषणा के समय तो ज्यादा पदों का वादा किया था। इसके बाद द्वितीय लेवल के पदों में कटौती कर दी गई। बेरोजगारों ने द्वितीय लेवल के सभी विषयों में पांच हजार से अधिक पद बढाने की मांग की है। बेरोजगारों का कहना है यदि पदों में बढ़ोतरी नहीं की गई तो प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन शुरू किए जाएंगे।



राहत: प्रथम लेवल में 20 से 22 सितम्बर तक काउंसलिंग

नवचयनित 19 हजार 84 लेवल प्रथम के शिक्षकों को वरियता के आधार पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिले आवंटित कर दिए है। अब इन शिक्षकों की जिला परिषद में 20 से 22 सितम्बर तक काउंसलिंग होगी। जिला स्तर पर उन्हें स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। इनमें गैर अनुसूचित क्षेत्र में सामान्य शिक्षा के 16100, विशेष शिक्षा के 1486, सामान्य शिक्षा के 1200 तथा विशेष शिक्षा के 60 अभ्यर्थी शामिल हैं।


अधिशेष शिक्षकों को पहले समायोजित किया जाना चाहिए। इसके बाद ही नवनियुक्त शिक्षकों के परामार्श शिविर शुरू कराए जाने चाहिए थे। मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ-साथ ही विभाग को भी आदेशों की तत्काल पालना करानी थी। 20 हजार से अधिक अधिशेष शिक्षकों का समायोजन नई भर्ती से पूर्व किया जाना आवश्यक है, जिससे शिक्षकों वेतन कार्य स्थान से मिल सके। वहीं काउंसलिंग समायोजन में उचित पदास्थापन मिल सके।-विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ


इनका होना था समायोजन

क्रमोन्नत विद्यालय में लेवल वन के दो अध्यापक तथा लेवल द्वितीय के गणित-विज्ञान एवं अंग्रेजी के दो अध्यापकों को समायोजन होना था। दरअसल, क्रमोन्नत स्कूल के चार अध्यापक इन माध्यमिक विद्यालयों में समायोजित होते और बाकी अधिशेष शिक्षकों को प्रारंभिक शिक्षा में काउंसलिंग के माध्यम से अन्य विद्यालयों में लगाया जाना था। इसी प्रकार जो विद्यलय महात्मा गांधी में परिवर्तित किए गए हैं वहां के भी प्रारम्भिक शिक्षा के शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से समायोजन किया जाना है।


शिक्षा विभाग की चुनौती...28 हजार ही पद खाली, कैसे देंगे 48 हजार को नियुक्ति Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

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