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गुरुवार, 14 सितंबर 2023

सरकारी स्कूलों में बच्चे हुए कम, 5.79 लाख घटा नामांकन ,प्रदेश में इस वर्ष आई 6.79 फीसदी की कमी, दो साल में 12.53 लाख विद्यार्थियों ने राजकीय विद्यालयों से मोड़ा मुंह

 सरकारी स्कूलों में बच्चे हुए कम, 5.79 लाख घटा नामांकन  ,प्रदेश में इस वर्ष आई 6.79 फीसदी की कमी, दो साल में 12.53 लाख विद्यार्थियों ने राजकीय विद्यालयों से मोड़ा मुंह

चित्तौड़गढ़. करोनाकाल के बाद प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के नामांकन में आए उछाल में फिर गिरावट आ रही है। निजी विद्यालयों की ओर से फीस वसूली के मुद्दे पर अभिभावकों ने राजकीय विद्यालयों की तरफ रुख किया था। अब अभिभावकों व विद्यार्थियों का राजकीय विद्यालयो से मुंह मोड़ना शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय हो गया है। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों का इस सत्र में नामांकन 86 लाख 42 हजार 817 है। जबकि, पिछले साल का नामांकन 92 लाख 21 हजार 892 था। वर्ष 2021-22 में राजकीय विद्यालयों के नामांकन ने 98 लाख 96 हजार 349 का आंकड़ा छू लिया था। ऐसे में लगा कि अगले वर्ष राजकीय विद्यालयों का नामांकन एक करोड़ के पार चला जाएगा। लेकिन, दो साल में नामांकन गिरता ही चला गया।


पहली कक्षा में सबसे कम बच्चे, तीसरी, नवीं में नामांकन बढ़ा

राजकीय विद्यालयों में इस वर्ष कक्षा 1 में प्रवेश सबसे कम और गत वर्ष की तुलना में 273445 विद्यार्थियों की घटत 35.45 प्रतिशत हुई। कक्षा 12 के नामांकन में भी कमी आई। हालांकि कक्षा 3, 9 एवं 11 में नामांकन बढ़ा है। हर जिले में नामांकन में दर्ज हुई गिरावट: इस बार शिक्षा विभाग ने प्रवेशोत्सव लिए काफी मशक्कत की। 10 प्रतिशत नामांकन बढ़ोतरी का लक्ष्य तय किया। इसके उलट नामांकन में 6.27 फीसदी की कमी हो गई। सबसे अधिक नामांकन जयपुर में व सबसे कम जैसलमेर में घटा है।


हर जिले में नामांकन में दर्ज हुई गिरावट

 इस बार शिक्षा विभाग ने प्रवेशोत्सव लिए काफी मशक्कत की। 10 प्रतिशत नामांकन बढ़ोतरी का लक्ष्य तय किया। इसके उलट नामांकन में 6.27 फीसदी की कमी हो गई। सबसे अधिक नामांकन जयपुर में व सबसे कम जैसलमेर में घटा है।


बेटों को निजी में भेज रहे

गत वर्षों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सकारात्मक असर से बेटियों के प्रति बदलती धारणा का नतीजा आंकड़ों में भी दिखा। अभी ज्यादा संख्या में बालिकाएं अध्ययनरत हैं। जबकि लिंगानुपात में बालिकाएं कम हैं। कई अभिभावक बेटों को प्राइवेट स्कूल में और बालिका को सरकारी विद्यालय में पढ़ाने भेजते हैं।


अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से निराशा

बड़ी संख्या में राजकीय हिन्दी माध्यम विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में परिवर्तित किया गया। शुरुआत में अभिभावकों ने दिलचस्पी दिखाई और बच्चों को निजी विद्यालयों से निकाल कर राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में दाखिला दिलवाया। लेकिन, गुणात्मक शिक्षा एवं शिक्षकों की कमी के कारण अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से भी अभिभावकों का मोह भंग हो रहा हैं।


दिव्यांग बच्चे भी सरकारी स्कूलों से दूर

सत्र 2022-23 एवं सत्र 2023-24 में राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों के नामांकन में भी बड़ी संख्या में कमी दर्ज की गई। सत्र 2022-23 में 77928 दिव्यांग बच्चे नामांकित थे, वहीं सत्र 2023-24 में दिव्यांग बच्चों का नामांकन 71354 रह गया। मौजूदा सत्र में 6574 बच्चे कम हुए। एक वर्ष में ही दिव्यांग बच्चों का नामांकन 8.43 फीसदी घटा हैं।


प्राथमिक शिक्षा में सबसे बड़ी कमी

आकड़ों के अनुसार एक वर्ष में प्राथमिक शिक्षा में नामांकन में सबसे अधिक कमी आई है। कक्षा 1 से 5 में 459898 बच्चे एवं कक्षा 11 से 12 में 96169 कम हुए। हालांकि कक्षा 9 से 10 के नामांकन में 47724 बच्चों की वृद्धि हुई हैं।


वर्ग अनुसार नामांकन में कमी

वर्ग सत्र 2023-24 सत्र 2022-23 नामांकन घटत प्रतिशत कमी

छात्र 4117280 4460435 343155 7.69

छात्रा 4525791 4761457 235666 4.99



गत 5 वर्षों का नामांकन


वर्ष नामांकन वृद्धि/कमी प्रतिशत


2023-2024 8642817 579075 6.27


2022-2023 9221892 674457 6.81


2021-2022 9896349 937560 10.46


2020-2021 8958789 416449 4.87


2019-2020 8542340 362653 4.43


कक्षा ग्रुप के अनुसार नामांकन में कमी


ग्रुप सत्र 2023-24 सत्र 2022-23 कमी/वृद्धि


1-5 3741532 4201430 459898


6-8 2386928 2457660 70732


9-10 1443121 1395397 47724


11-12 1071490 1167659 96169


कक्षा अनुसार नामांकन तुलना


कक्षा सत्र 2023-24 सत्र 2022-23 वृद्धि/कमी


1 497717 771162 273445


2 776754 876578 9824


3 845505 790842 54663


4 769323 892687 123364


5 852367 870198 17831


6 796931 826576 29645


7 798898 819642 20744


8 791111 811444 20333


9 823376 761774 61602


10 619745 636521 16776


11 564207 540668 23539


12 507285 633992 126707



जिला अनुसार नामांकन में कमी


जिला सत्र 2022-23 सत्र 2021-22 कमी


अजमेर 325456 347604 22148


अलवर 398163 433354 35191


बांसवाड़ा 383745 394404 10659


बारां 168145 180821 12676


बाड़मेर 568158 586111 17953


भरतपुर 272748 300505 27757


भीलवाड़ा 377892 396521 18629


बीकानेर 288812 314366 25554


बूंदी 166075 181201 15126


चित्तौडग़ढ़ 204650 219959 15309


चूरू 221902 244844 22942


दौसा 182603 206609 24006


धौलपुर 201465 216177 14712


डूंगरपुर 301338 311855 10517


गंगानगर 201695 215324 13629


हनुमानगढ़ 172961 187507 14546


जयपुर 450712 488873 38161


जैसलमेर 131857 136707 4850


जालौर 284779 300900 16121


झालावाड़ 204362 218530 14168


झुंझुनूं 137657 153462 15805


जोधपुर 425400 452071 26671


करौली 171800 191709 19909


कोटा 159543 170146 10603


नागौर 354845 380709 25864


पाली 262170 280018 17848


प्रतापगढ़ 182529 189703 7174


राजसमंद 199788 207221 7433


स.माधोपुर 155509 164347 8838


सीकर 221960 245669 23709


सिरोही 167069 175635 8566


टोंक 161772 178551 16779


उदयपुर 535257 550879 15622




सरकारी स्कूलों में बच्चे हुए कम, 5.79 लाख घटा नामांकन ,प्रदेश में इस वर्ष आई 6.79 फीसदी की कमी, दो साल में 12.53 लाख विद्यार्थियों ने राजकीय विद्यालयों से मोड़ा मुंह Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

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