शिक्षक भर्ती ग्रेड थर्ड में थर्ड ग्रेड की संवेदनाएं... किसी महिला के हाथ नहीं, किसी के पति, बच्चे छोटे, फिर भी गृह जिले से 400 किमी दूर तक नियुक्ति
हेमंत पंड्या एसटीसी प्रशिक्षित लेवल-1 के ग्रेड थर्ड शिक्षकाें की भर्ती में विधवा, परित्यक्ता, एकल और विशेष बीमारी से पीड़ित महिलाओं के मामले में शिक्षा विभाग की थर्ड ग्रेड संवेदनाएं शामिल आई हैं। विभाग ने इन महिलाओं को उनके गृह जिले की जगह 400 किमी. तक दूर के जिले आवंटित कर दिए हैं। अब ऐसी 2 हजार से ज्यादा महिलाएं सरकार और अफसरों से गुहार लगा रही हैं।
इनमें वे भी हैं, जो दोनों हाथों से दिव्यांग हैं, कई के पतियों की मौत हो चुकी है। कुछ के छोटा बच्चा है। इनकी काउंसलिंग 18 सितंबर से शुरू होगी और 22 से 24 सितंबर तक पोस्टिंग लेटर जारी कर दिए जाएंगे। इसके बाद न तो ट्रांसफर हो पाएगा और न जिला बदला जाएगा। उधर, शिक्षा विभाग, बीकानेर के निदेशक कानाराम का कहना है कि जिला आवंटन मेरिट के आधार पर हुआ है, अभी बदलाव संभव नहीं है।
शिक्षा विभाग बोला-जिले मेरिट के आधार पर आवंटित, बदलाव संभव नहीं
बीकानेर की, जिला राजसमंद आवंटित
एक महिला दोनों हाथों से दिव्यांग है। नाम न छापने के आग्रह पर कहा- अकेली हूं, मूल जिला बीकानेर है। 400 किमी दूर राजसमंद जिला आवंटित हुआ है। अधिकारी कह रहे हैं कि नाम लिखकर भेजें, न्याय के प्रयास करेंगे।
पति हैं नहीं, मां को कैंसर, ससुर बुजुर्ग
उदयपुर की स्वाति सनाढ्य के पति की मौत हो चुकी है। मां को कैंसर है। ससुर भी बुजुर्ग हैं। 4 साल की बेटी भी है। जिला बदलकर सिरोही कर दिया गया है। वे कहती हैं कि वहां गई तो पूरा परिवार बिखर जाएगा।
तलाकशुदा, बूंदी की जगह बारां दिया
पूजा गौतम मूलत: बूंदी की हैं। तलाक के बाद अकेले रहकर पढ़ाई की। प्राथमिकता बूंदी जिला थी, लेकिन आवंटित बारां हुआ। विभाग से गुहार कि माता-पिता बूंदी में रहते हैं। वह खुद अकेली हैं। बूंदी जिला ही दें।
ससुराल-पीहर राजसमंद में, भेजा उदयपुर
युगल कुंवर पंवार के पति की हादसे में मौत हो चुकी है। वे मूलत: राजसमंद की रहने वाली हैं, लेकिन जिला उदयपुर आवंटित कर दिया गया है, जबकि उनका ससुराल व पीहर राजसमंद में ही है।
अधिकारी बोले- बहना न्याय दिलाएंगे
मंजू ओड़ के पति का निधन हो चुका है। मूल जिला चित्तौड़गढ़ है, लेकिन भीलवाड़ा दिया है। मैसेज पर अधिकारी से जवाब मिला कि बहना आपके लिए प्रयास करूंगा कि आपको जल्द ही न्याय मिल सके।
दूसरी बार चयन, फिर भी मूल जिला नहीं
जयपुर की प्रीति शर्मा अभी बाड़मेर के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। गृह जिले के लिए दोबारा रीट दी और चयनित हुईं। इस बार फिर जयपुर के बजाय विभाग ने बीकानेर दे दिया। प्रीति ने पत्र लिखकर गुहार लगाई है।
महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं, उनको प्राथमिकता दें
शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक गणेशलाल पटेल बताते हैं कि विधवा, परित्यक्ता और गंभीर बीमारी वाली महिलाओं को उनकी प्राथमिकता के अनुसार ही नियुक्ति मिलनी चाहिए। इनकी काउंसलिंग भी प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि महिला अभ्यर्थियों की समस्याओं पर राज्य सरकार को संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए।
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