मिशन स्टार्ट से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सुपरस्टार बनाने की तैयारी,सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा ई कंटेंट
बीकानेर. शिक्षकों के पद रिक्त होने तथा शिक्षकों के लंबे अवकाश पर चले जाने की वजह से स्कूलों में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता है। पद रिक्त होने के कारण स्कूलों में तालाबंदी की नौबत भी आती रहती है।इसके चलते स्कूल का रिजल्ट तो खराब होता ही है, विद्यार्थियों का भविष्य भी दांव पर लग जाता है। दूसरी ओर, निजी स्कूलों ने कोरोनाकाल के समय उपयोग में लाई गई ऑनलाइन व्यवस्था को नियमित पढ़ाई में भी शामिल कर लिया है। निजी स्कूलों की तर्ज पर ही अब सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने मिशन स्टार्ट कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम से कक्षा 9 से 12 तक दूरदराज बैठे विद्यार्थियों को पढ़ाई में खासी मदद मिलेगी।गत पांच सितंबर को मुख्यमंत्री ने मिशन स्टार्ट कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। माना जा रहा है कि इस प्रोग्राम से स्कूलों में रिक्त पदों के साथ ही किसी भी वजह से पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने की दिक्कतों से भी पार पाया जा सकेगा।
इसलिए है उपयोगी
विद्यालयों में आईसीटी लैब्स तथा कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधनों के उचित उपयोग से दक्ष शिक्षक ई कंटेंट में नवाचारों एवं नए विचारों का समावेशन कर अपने अध्यापन को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे।
शिक्षकों की स्कूल से गैरहाजिरी की देनी होगी जानकारी
स्कूलों में किसी भी कारण से शिक्षक लंबे अवकाश पर है या फिर पद रिक्त चल रहे हैं, तो इसकी जानकारी शिक्षा निदेशालय को देने की जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी।इसके अलावा आकस्मिक अवकाश की स्थिति में भी शिक्षक के साप्ताहिक पाठ योजना के अनुरूप अधिकारी अपने परिक्षेत्र में कक्षा 9-12 तक रिक्त शैक्षिक पदों का आंकलन करेंगे। इसके अनुरूप डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।
इंटरनेट कनेक्शन आवश्यक
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के लिए स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन आवश्यक है। लिहाजा, स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी स्थानीय संस्था प्रधान की होगी। विभागीय यू ट्यूब चैनल के माध्यम से विद्यालयों में इंटरनेट होने की स्थिति में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को कंटेंट दिखाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए प्रतिदिन विद्यालयवार निर्धारित समय सारणी के अनुसार कक्षाएं ली जाएंगी। समय सारणी का प्रिंट विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों को यह पता चल सके कि किस विषय की कक्षा ली जाएगी।
मिशन स्टार्ट का उद्देश्य
यह कार्यक्रम राज्य के दूरदराज के इलाकों में अध्ययनरत उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है, जहां शिक्षा की पहुंच कम है। वहां या तो विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं अथवा अन्य किसी कारणवश विषयाध्यापकों की उपलब्धता में कमी है। मिशन स्टार्ट के माध्यम से ऐसे समस्त विद्यालयों में विषयाध्यापकों के रिक्त पद अथवा शिक्षक अनुपस्थिति की स्थिति में भी कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को विभाग की ओर से निर्मित डिजिटल कन्टेन्ट के माध्यम से अध्ययन कराया जाएगा। शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में सभी विषयों का ई-कन्टेन्ट उपलब्ध कराया जाएगा। विद्यालयों में उपलब्ध इंटरनेट का समुचित उपयोग कर विभागीय यूटयूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने की योजना है।

0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें