अगले महीने आचार संहिता व दिसम्बर में चुनाव रीट एक माह की देरी होने से अगली सरकार बनने तक टल जाएगी परीक्षा
नागौर । प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा युवाओं को ग्रेड थर्ड शिक्षकों के लिए अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) का इंतजार है। रीट के आयोजन के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास अब एक महीने का ही वक्त बचा है। देरी हुई तो प्रदेश के बीएड डिग्री धारी व बीएसटीसी अभ्यर्थियों को नई सरकार बनने तक इंतजार करना होगा।
अगले महीने आचार संहिता व दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनावों की व्यस्तता के कारण कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा प्रस्तावित सूचना सहायक, कनिष्ठ लेखाकार सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं को टाल दिया गया है। अब ये फरवरी 2024 में होंगी। पात्रता और भर्ती परीक्षाओं में देरी के कारण प्रदेश के बेरोजगारों में सरकार के प्रति नाराजगी है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के 7 जून को जयपुर के त्रिवेणी नगर में आयोजित हुए युवा बेरोजगार महासम्मेलन में मंत्री कल्ला ने हर साल रीट करवाने का भरोसा दिलाया , मगर तीन महीने गुजरने के बावजूद भी आवेदन प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है।
बोर्ड ने 2022 में अंतिम रीट परीक्षा करवाई अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश में समय पर शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं होने से प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार रह जाएंगे। प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 में आरटेट के रूप में हुई थी।
दूसरी बार 2012 मे करवाई गई। इन दोनों परीक्षाओं में न्यूनतम अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण किए जाने का विवाद हुआ। विवाद का हल 2016 में उच्चतम न्यायालय द्वारा किया गया। इसके बाद 2015 व 2017 में यह परीक्षा रीट के नाम से हुई थी। बोर्ड ने 2022 में अंतिम रीट परीक्षा करवाई थी।
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