परिषद‍ीय विद्यालयों की अवकाश तालिका वर्ष 2025 देखें व करें डाउनलोड

👇Primary Ka Master Latest Updates👇

गुरुवार, 14 सितंबर 2023

पढ़ने और पढ़ाने वालों का टोटा, खाली पड़ी हैं कक्षाएं और संस्थान



 पढ़ने और पढ़ाने वालों का टोटा, खाली पड़ी हैं कक्षाएं और संस्थान

अजमेर. सालों तक ’शैक्षिक नगरी’ के नाम से हर कहीं जाने-पहचाने जाते रहे और प्रबुद्धजनों का शहर रहे अजमेर के उच्च शैक्षिक संस्थानों में मौजूदा दौर में हिन्दी की स्थिति बेहतर नहीं है। ना पढऩे वाले पर्याप्त हैं और ना ही पढ़ाने वाले शिक्षक ही। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग पहचान ही नहीं बना सका है। प्रदेश के सबसे पुराने कॉलेज सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में मात्र दो और राजकीय कन्या महाविद्यालय में चार शिक्षक हैं। हिन्दी भाषा में युवा पीढ़ी का रुझान केवल उत्तीर्ण होने तक सीमित है।


परिसर तक सिमटा हिन्दी विभाग

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में साल 2015 में शुरू हुआ हिन्दी विभाग तब से अस्थायी स्टाफ के भरोसे है। स्थाई भर्ती का मामला अटका हुआ है। इसकी गतिविधियां कैंपस तक सीमित हैं। एमए हिन्दी प्रीवियस में 20 सीट हैं। आठ साल में बमुश्किल कभी सारी सीट भर सकी हैं। हिन्दी विभाग में कभी बड़ी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, प्रोजेक्ट अथवा नवाचार नहीं हुआ है। ष्ट्रभाषा हिन्दी भारत सहित विश्व में कई स्थानों पर बोली जाती है। विज्ञापन, सोशल मीडिया में हिन्दी का चलन बढ़ा रहा है। शिक्षा क्षेत्र में हिन्दी के शिक्षक पर्याप्त होने चाहिएं। जब शिक्षक होंगे तो विद्यार्थियों का रुझान स्वत: बढ़ेगा।



साइट्स पर भाषावार कंटेंट


अंग्रेजी 65 प्रतिशत


रशियन 6 प्रतिशत


स्पेनिश 4.1 प्रतिशत


फ्रेंच 3.5 प्रतिशत


जर्मन 3.9 प्रतिशत


जापानी 2.5 प्रतिशत


मेंडोलिन 2.6 प्रतिशत


हिन्दी 2.0 प्रतिशत


उर्दू 1.5 प्रतिशत


हिन्दी का बढ़ रहा दबदबा


इस गंभीर विसंगति के बीच ऑनलाइन कामकाज में हिन्दी का वर्चस्व बढ़ रहा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने हिन्दी इंटरफेस लॉन्च किए हैं। इनमें गूगल मैप, टिवटर, याहू, फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन शामिल हैं। यूनिकोड में हिन्दी स्क्रिप्ट टाइपिंग की सुविधा और हिन्दी में इंटरफेस सुविधा है।



जीजीसीए में 4 शिक्षक 

राजकीय कन्या महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में चार शिक्षक हैं। यहां भी यूजी स्तर तक हिंदी अनिवार्य तथा वैकल्पिक विषय के रूप में पेपर है। चार शिक्षकों पर ही कक्षाएं लेने, सेमिनार, कार्यक्रमों के आयोजन का दारोमदार है।


214 पदों पर होनी है भर्ती

राजस्थान लोक सेवा आयोग को कॉलेज लेक्चरर (असिस्टेंट प्रोफेसर)भर्ती-2023 मिली है। जिसमें हिन्दी विषय में 214 पदों पर भर्ती होगी।


45 फीसदी महाविद्यालयों में नहीं शिक्षक

राज्य में सरकारी कॉलेज की संख्या 545 हो चुकी है। बीते पांच साल में 250 से ज्यादा कॉलेज खुले हैं। नए और पुराने कॉलेज में 45 प्रतिशत से ज्यादा कॉलेज में हिन्दी पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं हैं। विद्या सम्बल योजना अथवा हिन्दी के सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं।


दो शिक्षक, 2145 हजार विद्यार्थी

राज्य के सबसे पुराने सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में कभी 8-10 शिक्षक हुआ करते थे, जो 2 तक सिमट गए हैं। सभी संकायों में यूजी स्तर पर अनिवार्य और वैकल्पिक विषय में 2145 विद्यार्थी हैं। कॉलेज में सालभर 30 से 40 प्रतिशत विद्यार्थी नियमित नहीं आते हैं।


हिन्दी का बढ़ रहा दबदबा

इस गंभीर विसंगति के बीच ऑनलाइन कामकाज में हिन्दी का वर्चस्व बढ़ रहा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने हिन्दी इंटरफेस लॉन्च किए हैं। इनमें गूगल मैप, टिवटर, याहू, फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन शामिल हैं। यूनिकोड में हिन्दी स्क्रिप्ट टाइपिंग की सुविधा और हिन्दी में इंटरफेस सुविधा है।


जीजीसीए में 4 शिक्षक राजकीय कन्या महाविद्यालय 

 के हिन्दी विभाग में चार शिक्षक हैं। यहां भी यूजी स्तर तक हिंदी अनिवार्य तथा वैकल्पिक विषय के रूप में पेपर है। चार शिक्षकों पर ही कक्षाएं लेने, सेमिनार, कार्यक्रमों के आयोजन का दारोमदार है


214 पदों पर होनी है भर्ती

राजस्थान लोक सेवा आयोग को कॉलेज लेक्चरर (असिस्टेंट प्रोफेसर) भर्ती 2023 मिली है। जिसमें हिन्दी विषय में 214 पदों पर भर्ती होगी


पढ़ने और पढ़ाने वालों का टोटा, खाली पड़ी हैं कक्षाएं और संस्थान Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें