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शनिवार, 23 सितंबर 2023

एआई तकनीक से कोर्स की पढ़ाई का सहारा भी ले रहे हैं विद्यार्थी



 एआई तकनीक से कोर्स की पढ़ाई का सहारा भी ले रहे हैं विद्यार्थी

श्रीगंगानगर. कोरोना काल में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बच्चों को पढ़ाई के लिए घर-घर में थमाए गए मोबाइल अधिकतर लोगों ने उन पर बुरे असर के रूप में बताया था, लेकिन अब जमाना इससे भी आगे बढ़ गया है। आज एआई तकनीक के सहारे बच्चे कोर्स की किताबों के आंसर भी ढूंढ कर पढ़ाई कर पा रहे हैं। विद्यार्थी बताते हैं कि पहले वे मोबाइल पर केवल विद्यालय की ऑनलाइन क्लासों से ही पढ़ाई कर सकते थे। फिर स्कूल खुल गए और नियमित पढाई शुरू हो गई। अब गूगल पर चैट जीपीटी आने के बाद विद्यार्थियों ने इसमें खासी रुचि दिखाई है। अब बच्चे मोबाइल में एआई तकनीक से चैटबोट से किसी भी संबंध में त्वरित जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इसके साथ ही एआई तकनीक अब पढ़ाई में भी बच्चों को सहायक बनने लगी है। किसी भी कक्षा की जो कोर्स की किताबें ऑनलाइन डाली हुई है। उनसे संबंधित कोई भी प्रश्न जीपीटी 4 पर पूछा जा सकता है, जिसका उत्तर वहां तुरंत मिलता है। यहां विद्यार्थी चैप्टर से संबंधित डाउट भी पूछ सकते हैं।


नुकसान यह

विशेषज्ञों का मानना है कि अब चैटजीपीटी के बारे में विद्यार्थी को पता है। चिंता यह है कि यदि छात्र इस तकनीक के भरोसे रहे तो वे अकादमिक मापदंडों व स्तर पर असर हो सकता है। बच्चे खुद कुछ लिखना नहीं सीखेंगे और चैटजीपीटी के भरोसे पर रहकर इसके आदी भी हो जाएंगे।


कम्प्यूटर की दुनिया में नई से नई तकनीक आ रही है। अब एआई तकनीक ने दुनिया को हिला कर रख दिया है। इसका फायदा भी है, तो नुकसान भी है। बच्चे यदि एआई तकनीक के सहारे पढ़ेंगे तो बिना गाइडेंस से सही दिशा में नहीं जा पाएंगे। उनको इसकी लत लग जाएगी। सही और गलत का पता ही नहीं चल पाएगा। इसलिए पढ़ाई में तकनीक की मदद ली जा सकती है, उस पर निर्भरता नहीं रहनी चाहिए।- अमित सिंगला, आईटी हैड, निजी कॉलेज श्रीगंगानगर


कैसे करें सवाल

इंटरनेट ब्राउजर के जरिए कोई भी व्यक्ति चैटजीपीटी में जा सकता है। यहां सवाल टाइप करो और जीपीटी बोट हर चीज का जवाब देगा। अब जीपीटी 4 तो पहले वाले वर्जन से भी कई गुणा आगे है।


कविता, निबंध व कहानी : विद्यार्थी इसकी सहायता से कविता, निबंध व कहानी आदि भी लिख रहे हैं। यहां जितना मैटर उनको उचित लगता है, उसको कापी कर लेते हैं। जो उनकी काफी मदद करता है। निबंध लिखने के लिए भी इस तकनीक का सहारा ले रहे हैं।


विशेषज्ञों का मानना है कि एक तरफ सॉफ्टवेयर उद्योग है, जो तेजी से अधिक शक्तिशाली एआई प्रणालियां विकसित कर रहा है। दूसरी तरफ वे विद्यार्थी भी है जो शिक्षक से ज्यादा तेज गति से जानकारी देने वाले एआई का उपयोग करना सीख रहे हैं। अब विद्यार्थी अपने कोर्स के मैटर भी यहां तलाशने लगे हैं। आने वाले समय में इसका शिक्षा के क्षेत्र में प्रभाव कैसा रहेगा। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।


एआई तकनीक से कोर्स की पढ़ाई का सहारा भी ले रहे हैं विद्यार्थी Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

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