उपप्राचार्यों को पदस्थापन परामर्श का इंतजार
डूंगरपुर. प्रदेश में अब तक की सबसे ज्यादा एवं रिकार्ड पदों पर व्याख्याताओं की उपप्राचार्य पद पर पदोन्नति में जो पेंच फसा है, इससे उप प्राचार्यो को छ: माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी पदस्थापन के लिए काउंसलिंग नही हो रही है । हाईकोर्ट ने पदस्थापन पर काउंसलिंग के लिए अंतरिम रोक लगा रखी है । जानकारी के अनुसार प्रदेश की सरकारी स्कूलों में काफी वर्षो बाद फिर से सृजित किए गए उप प्राचार्य पद पर 10 हजार 96 पदों पर नियमित पदोन्नति आरपीएससी स्तर पर अब तक किसी भी विभाग या पद पर आयोजित की गई सबसे बड़ी डीपीसी थी ।
उप प्राचार्य के पंचायत स्तर व शहरी क्लस्टर में स्थित 10 हजार 217 विद्यालयों एवं 275 से अधिक नामांकन वाले 2 हजार 204 सहित कुल 12 हजार 421 पद सृजित किए गए थे । 17 फरवरी 2023 को 10 हजार 96 पदों पर व्याख्याताओं को चयन किया गया था, जिसमें 91 सीलकवर तथा 7 डिफर थे । इस तरह 9 हजार 998 पदों पर व्याख्याताओं की उप प्राचार्य पद पर पदोन्नति हुई थी । इन उपप्राचार्यो को दिनांक 27 फरवरी 2023 के विभागीय आदेशानुसार अग्रिम आदेशों तक यथास्थान ही ऑफलाइन कार्यग्रहण करवाया गया था।
क्यों मामला हाईकोर्ट में गया
विभिन्न विषयों के व्याख्याताओं ने अपनी वरिष्ठता सूची में कानूनी वैद्यता को चुनौती दी है, जिसमें तर्क दिया गया है कि पिछले 50 वर्षो से राज्य सरकार की ओर से व्याख्याताओं की वरिष्ठता का निर्धारण राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से जारी नियुक्ति की अनुशंसा की दिनांक के आधार पर की जाती रही है, जबकि राज्य सरकार ने इस बार वरिष्ठता का निर्धारण पदस्थापन की दिनांक से कर दिया है । राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को विधि सम्मत बताया है । हाईकोर्ट ने उप प्राचार्य पद की पदोन्नति के बाद आगामी पदस्थापन के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी है
अब शिथलन देकर प्रधानाचार्य बनाने की मांग
व्याख्याता से उपप्राचार्य बने कार्मिकों ने भी शिथलन देकर प्रधानाचार्य पद पदोन्नति देने की मांग की है । राज्य सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को जिस तरह उपप्राचार्य पद पदोन्नति देकर कुछ समय बाद शिथलन देकर प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति दी थी, उसी प्रकार व्याख्याता से बने उपप्राचार्यो ने भी शिथलन देकर प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की मांग की है । व्याख्याता संघ रेसला की बराबर निगाह इस पर लगी हुई है ।
अब तक नही हो सका उप प्राचार्य पदस्थापन
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के उप प्राचार्य के पदस्थापन के लिए होने वाली काउंसलिंग पर अंतरिम रोक लगा दी है । हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में फिलहाल पदस्थापन नही हो सकेगा ।
उप प्राचार्य पदोन्नति परित्याग का गणित
जयपुर 32, झुंझनूं 17, श्रीगंगानगर 13, अजमेर, करोली व नागौर 12, जोधपुर 11, बीकानेर, सीकर व कोटा 09, अलवर तथा भीलवाड़ा 08, बाड़मेर तथा भरतपुर 07, टोंक 5, चूरू, दौसा व पाली 4, सवाईमाधोपुर तथा उदयपुर 03, बूंदी, डूंगरपुर, जालोर तथा झालावाड़ 2, बांसवाड़ा, बारां, चित्तौड़गढ़, धोलपुर, जैसलमेर, प्रतापगढ़ तथा राजसमंद 1 ने पदोन्नति परित्याग किया है।
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