स्कूल लेक्चरर भर्ती - 18 : हाई कोर्ट ने पूछा सरकार बताए, भर्ती में कितने पद थे, कितनों पर नियुक्ति दी
विवादित प्रश्न-उत्तर मामला : खाली पदों की संख्या भी पूछी लीगल रिपोर्टर |
जयपुर : हाईकोर्ट ने स्कूल लेक्चरर भर्ती 2018 के भूगोल, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, राजनीति विज्ञान, हिंदी, इतिहास व चित्रकला विषय के विवादित प्रश्न उत्तर मामले में एएजी सत्येन्द्र सिंह राघव से विषय वार यह बताने के लिए कहा है कि भर्ती मैं कितने पद थे, कितने पदों पर उसने नियुक्ति दे दी और अब कितने पद खाली हैं, वहीं आरपीएससी से पूछा है कि वे जो विशेषज्ञ कमेटियां बनाते हैं उनमें एक्सपर्ट की योग्यता व उनका ब्यौरा किस कानून में गोपनीय रखा जाता है।
जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश बुधवार को सुरजन लाल धवन, हेमराज रोदिया व अन्य की याचिकाओं पर दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई 29 मार्च तय करते हुए आरपीएससी सचिव को पेश होने के लिए कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि स्टे के बाद भी नियुक्तियां हुई तो अवमानना की कार्रवाई होगी। सुनवाई के दौरान आरपीएससी के अधिवक्ता एमएफ बेग ने कहा कि आरपीएससी सचिव किसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में मंसूरी गए हुए हैं, इसलिए वे पेश नहीं हो पाए हैं, मामले का पुनः परीक्षण कराया जा रहा है। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आरपीएससी के कैसे एक्सपर्ट हैं जिन्हें पता नहीं है कि वे क्या ओपिनियन दे रहे हैं। इससे तो बेरोजगार युवाओं को परेशान किया जा रहा है, पहले तो भर्तियां होती नहीं हैं और होती हैं तो वे लिटिगेशन में अटक जाती हैं। ऐसे में आरपीएससी चलाने का उद्देश्य क्या है।
वहीं प्रार्थियों की ओर से सीनियर एडवोकेट राजेन्द्र प्रसाद व अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने कहा कि विषय विशेषज्ञों से ही प्रश्न-उत्तरों की जांच करवाई जानी चाहिए। लेकिन आरपीएससी कभी यह नहीं बताता कि उन्होंने किन एक्सपर्ट से मामले की जांच कराई है। इसलिए मामले की एक्सपर्ट कमेटियों के विशेषज्ञों की जानकारी भी बतानी चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर राज्य सरकार व आरपीएससी को दिशा-निर्देश दिए। दरअसल याचिकाओं में कहा था कि आरपीएससी को विवादित प्रश्न-उत्तर के मामले कोर्ट के द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के पालन में एक्सपर्ट कमेटी से विवादित प्रश्न-उत्तरों की जांच करवानी थी।
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