प्रदेश में 62 हजार में से 42 हजार आंगनबाड़ियां शिक्षा विभाग से जुड़ीं
जयपुर । नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए) की ओर से गुरुवार को जयपुर में प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा विषय पर कार्यशाला हुई। शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में समाहित करने जैसे राजस्थान के नवाचारों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में शामिल किया गया है। खान ने कहा कि राजस्थान के करीब 68 हजार से अधिक स्कूलों में 'स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम को लागू किया है।
वर्तमान में प्रदेश में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत करीब 62 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, इनमें से 'प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों देखभाल और शिक्षा पर फोकस करते हुए 42 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी केंद्रों को शिक्षा विभाग के साथ जोड़ा जा चुका है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहनलाल यादव ने कहा कि बच्चों पर आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल और घर पर अनावश्यक मानसिक दबाव को खत्म करने के लिए शनिवार को 'नो बैग डे जैसा नवाचार लागू करने की पहल की गई है।

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