निजी स्कूल अब निरस्त नहीं कर सकेंगे विद्यार्थी का आवेदन
शिक्षा के अधिकार अधिनियम में शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव करते हुए निजी स्कूलों पर कई पाबंदिया लगा दी हैं। नए नियम में निजी स्कूल आरटीई में मिले आवेदन को सीधे रिजेक्ट नहीं कर पाएंगे, सिर्फ आवेदन को लेकर ऑब्जेक्शन लगा सकते हैं। उस आपत्ति को लेकर भी सीबीईओ जांच करेंगे। नए बदलावों को लेकर शिक्षा विभाग इसी महीने नोटिफिकेशन जारी करने वाला है। इसके अलावा भी आरटीई में प्रवेश को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं। नए सत्र में निशुल्क शिक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभिभावकों को प्रवेश के लिए स्कूलों का चयन करना होगा। इसके बाद अभिभावक को ऑटो लॉटरी सिस्टम से स्कूल मिलेगी। जहां अभिभावक व विद्यार्थी रिपोर्ट करेंगे।
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में होने वाले निशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक प्रारंभ होगी। नए सत्र 2023-24 के लिए होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में आवेदन के लिए 20 दिन मिलेंगे। पहली बार निजी स्कूल में प्री-प्राइमरी 3 प्लस से पहली कक्षा तक एक साथ प्रवेश हो सकेंगे। नई गाइडलाइन में प्री-प्राइमरी में पुनर्भरण को लेकर संशय है।इन कक्षाओं की पुनर्भरण राशि विद्यार्थी के पहली कक्षा में जाने पर ही मिलेगी। शिक्षा विभाग ने आरटीई में प्री-प्राइमरी के आवेदन भी फर्स्ट क्लास के साथ ही कराने का फैसला लिया है। इसमें प्री-प्राइमरी की पीपी 3 प्लस, पीपी 4 प्लस और पीपी 5 प्लस के साथ पहली कक्षा के लिए आवेदन किए जा सकते है। इससे पहले पहली कक्षा से ही प्रवेश मिल रहे थे। वर्तमान सत्र में कोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने एडमिशन के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन नए सत्र में प्री-प्राइमरी कक्षाओं को शामिल किया गया है।
अॉटो लॉटरी सिस्टम से आवेदन में भरे जाएंगे 5 स्कूलों के विकल्प
5 स्कूलों के विकल्प के बाद उनको वरीयता क्रम देना होगा
पहले नियमों में अभिभावक मनपसंद स्कूल का विकल्प भरते थे। लेकिन इस बार उन स्कूलों का वरीयता क्रम तय करना होगा। इसमें पहले क्रम से लेकर पांच तक नंबर देने होंगे। इसके बाद सिस्टम अभिभावकों को उनके द्वारा दिए गए विकल्प में स्कूल अलॉट करेगा। पहले अभिभावक अपनी मर्जी से स्कूल चयन कर रिपोर्ट करते थे। लेकिन अबकी बार स्कूल में रिपोर्टिंग नियम में बदलाव करते हुए लॉटरी से स्कूल मिलेगा।प्रवेश के लिए निकाली जाने वाली लॉटरी में दिव्यांग और अनाथ बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी।
फायदा: पहले अभिभावक स्कूल में रिपोर्टिंग के लिए नहीं पहुंच पाते थे। जिसके कारण से उनके प्रवेश निरस्त हो रहे थे। अब इसकी गुंजाइश नहीं रहेगी।
स्कूल आवेदन रिजेक्ट नहीं कर पाएगा, आपत्ति पर जांच
स्कूल में रिपोर्ट करने व दस्तावेज जमा कराने के बाद निजी स्कूल वाले दस्तावेजों पर केवल आपत्ति कर सकेंगे। सीधे तौर पर दस्तावेजों के आधार पर आवेदन रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे। स्कूल की ओर से आपत्ति आने के बाद सीबीईओ इसकी जांच करेंगे। इसमें स्कूल की तरफ से जताई आपत्ति सही है या फिर गलत इसको तय करने के बाद ही आवेदन का फैसला होगा।
फायदा: निजी स्कूल दस्तावेजों की कमी पर आवेदन निरस्त नहीं कर सकेंगे। इससे अभिभावकों को फायदा होगा।

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