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बुधवार, 22 मार्च 2023

स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिक नहीं, शिक्षक बजा रहे घंटी



स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिक नहीं, शिक्षक बजा रहे घंटी

बांसवाड़ा. प्रदेश में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक व लिपिकीय कार्यो के साथ-साथ राजकीय विद्यालयों के दरवाजे व ताले खोलने व बन्द करने, घंटी बजाने, कक्षा कक्षों में झाड़ू लगाने, घंटा वादन जैसे कार्य भी करने पड़ रहे हैं। इससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश मीडिया संयोजक आशीष त्रिवेदी एवं महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि प्रदेश में करीब 64 हजार 963 स्कूलें हैं, जिनके लिए चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के 24 हजार 804 पद स्वीकृत हैं, जबकि 5 हजार 741 कार्यरत हैं। जमादारों के 421 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 110 जमादार ही कार्यरत हैं। प्रदेश में 5 हजार 851 चतुर्थ श्रेणी कार्मिक व जमादार कार्यरत हैं जो स्कूलों का एक प्रतिशत भी नहीं है। कुछ स्कूलों में 2 से 3 चतुर्थ श्रेणी कार्मिक हैं, तो अधिकांश में एक भी नहीं है। संभाग संगठन मंत्री गमीरचंद पाटीदार ने बताया कि स्वीकृत पदों के मुकाबले 77 प्रतिशत पद रिक्त हैं। विगत वर्षों में नवसृजित व क्रमोन्नत स्कूलों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में प्रत्येक विद्यालय में एक चतुर्थ श्रेणी कार्मिक की आवश्यकता हैं। इसमें भी कुछ जगह जिला व ब्लॉक कार्यालय में भी इन कार्मिकों को लगा रखा है, जिस कारण विद्यालय में शिक्षक उनके जिम्मे का काम करने को विवश हैं।


अनुकंपा नियुक्ति का आसरा

प्रदेश महिला मंत्री जयमाला पानेरी ने बताया कि शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पिछले कई साल से बंद है। जिस स्कूल से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है, वहां उस पद पर अन्य किसी की नियुक्ति नहीं होती। कभी-कभार अनुकंपा नियुक्ति के रूप में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मिल जाता है। संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सुझाव दिया है कि राजकीय विद्यालय में मनरेगा में नियुक्त किसी एक श्रमिक को प्रत्येक विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कार्मिक के रूप में नियुक्त किया जाए।

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