
शिक्षक मांग रहे गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति सरकार लगा रही महंगाई राहत शिविरों में ड्यूटी
‘हमें पढ़ाने दो’ की मांग लेकर शिक्षकों का कलक्ट्रेट पर 41वें दिन भी धरना जारी
सीकर. इसे विडंबना कहें या शासन- प्रशासन की मनमानी! द्महमें पढ़ाने दोद्म की मांग सहित सरकारी शिक्षक एक तरफ 41 दिन से कलक्ट्रेट पर धरना देकर गैर शैक्षिक कार्यों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें ही अब महंगाई राहत शिविर में भी नियुक्त कर दिया गया है।जहां शैक्षिक कार्यों से दूर अब वे सरकारी योजनाओं के लिए लोगों के पंजीयन संबंधी कार्य करने को मजबूर हैं। अब चूंकि परीक्षा परिणाम जारी करने के साथ सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए जनसंपर्क अभियान भी राहत शिविर कार्यक्रम के बीच में ही संचालित होना है। ऐसे में बेपटरी होती व्यवस्थाओं के साथ नए सत्र में सरकारी स्कूलों के नामांकन पर भी नकारात्मक असर पडऩे की आशंका गहरा गई है।
41 दिन से धरना जारी, बड़े आंदोलन की तैयारी
इधर, शिक्षक गैर शैक्षिक कार्य करवाने के विरोध में 41 वें दिन भी कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे रहे। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष विनोद पूनियां ने बताया कि शासन व प्रशासन की हठधर्मिता की वजह से शिक्षक स्कूल में शिक्षण का अपना मूल काम नहीं कर पा रहे हैं। जिसका असर नामांकन से लेकर शिक्षण व्यवस्था तक पर पड़ रहा है। पर 41 दिन से धरने के बाद भी किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। मामले में बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
500 शिक्षक प्रभावित 1500 बीएलओ नियुक्त
महंगाई राहत शिविर तथा प्रशासन गांवों व शहरों के संग अभियान में प्रशासन ने करीब 500 शिक्षकों की नियुक्ति की है। वहीं, 1500 शिक्षक पहले से बीएलओ का कार्य कर रहे हैं।
जनसंपर्क नहीं कर पाने पर नामांकन पर असर पड़ने की आशंका, शिक्षकों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी प्रशासन ने महंगाई राहत शिविरों में भी किया शिक्षकों को तैनात, बढ़ा आक्रोश
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