चार माह से मानदेय मिलने के इंतजार में विद्यालय सहायक
- प्रदेश के 23 हजार 749 और उदयपुर के 1533 विद्यालय सहायक की परेशानी
- सरकार ने मानदेय भी बढ़ाया लेकिन पहले का ही बकाया
उदयपुर . कभी विद्यार्थी मित्र तो कभी पंचायत सहायक और अब विद्यालय सहायक के रूप में सरकार इन सहायकों की सेवाएं तो ले रही हैं लेकिन समय पर मानदेय नहीं मिल पाने के कारण विद्यालय सहायकों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। दिसंबर में नियुक्त उदयपुर के 1533 सहित प्रदेश के 23,749 विद्यालय सहायकों को पिछले 4 माह से मानदेय नहीं मिला है।
दरअसल, राज्य सरकार ने जिनको वर्तमान में विद्यालय सहायक नियुक्त किया है उनको 2008 में शिक्षकों की कमी को देखते हुए विद्यार्थी मित्र लगाया था, उसके बाद इनको सितम्बर 2008 में पंचायतों में पंचायत सहायक के रूप में 6000 रुपए के मानदेय पर नियुक्त किया था। बाद में विद्यालय सहायकों की नियुक्ति राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करते हुए इनका मानदेय 10,400 रुपए तय किया गया। साथ ही राज्य सरकार ने हाल ही में एक नया आदेश जारी कर इनमें से जिन्होंने एसटीसी या बीएड कर रखी है उनका मानदेय 1 अप्रेल 2023 से 16900 रुपए तय किया है, जो विद्यालय सहायक एसटीसी या बीएड योग्यताधारी नहीं है उनका मानदेय 10,400 रुपए रखा है।
विद्यालय सहायकों को निर्धारित कार्य के अनुसार मिड डे-मील का पर्यवेक्षण, मॉनीटर करना और अभिलेख रखना, बाल खोज सर्वेक्षण, छोड़ चुके छात्रों को मॉनीटर करना, विद्यालय भवन और कैम्पस की साफ-सफाई, विद्यालयों में बाल नामांकनों का पर्यवेक्षण और उनको मॉनीटर करना, जिला शिक्षा सूचना प्रणाली डाटा का संग्रहण, प्राधिकारी द्वारा समनुदेशित कोई अन्य गैर अध्यापन के कार्य शामिल हैं। लेकिन जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वहां ये विद्यार्थियों को पढ़ाने का कार्य भी कर रहे हैं।
इनका कहना
शिक्षा विभाग नवनियुक्त विद्यालय सहायकों की शाला दर्पण पर जल्दी आईडी जनरेट कर इनके पहले इस पद के बकाया मानदेय का भुगतान शीघ्र करें।- शेर सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ

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