यहां न पढ़ाने वाले... न संभालने वाले ,शिक्षा विभाग में 37.39 फीसदी पद रिक्त
विभाग में प्रधानाचार्य के 43.23 प्रतिशत पद खाली
पाली . शिक्षा विभाग की नैया बिना खेवइयों के ही जैसे-तैसे चल रही है। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों व व्याख्याताओं की कमी होने के साथ विभाग पर नियंत्रण रखने वाले अधिकारी तक नहीं है। ऐसे में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के दावे खोखले साबित हो रहे है। प्रदेश में अधिकारियों से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 3 लाख 44 हजार 724 पद स्वीकृत है। इनमें से एक लाख 28 हजार 894 पदों पर अधिकारी व कर्मचारी नहीं है। इस तरह 37.39 प्रतिशत पद रिक्त है। विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों के 29.79 व अध्यापकों के 28.87 प्रतिशत पद खाली पड़े है। प्रधानाचार्य के 43.23 प्रतिशत व प्रशासनिक अधिकारी के 96.14 प्रतिशत पद रिक्त है। इससे विद्यालयों में अध्यापन के साथ विभाग के प्रशासनिक कार्य भी बाधित हो रहे है।
पद -----------स्वीकृत -------रिक्त
सं निदेशक ------14----------- 4
उपनिदेशक---- 21------------ 9
जिला शिक्षा अधिकारी---- 43 -7
अति. जिशिअ -------100 --------4
प्रधानाचार्य व समकक्ष-- 17078---- 7384
संस्थापन अधिकारी--- 151 ------125
लेखाधिकारी----- 15 ---------7
उप जिला शिक्षा -----18------- 8अधिकारी
उप जिला शिक्षा ------45 -------13अधिकारी शाशि
उप प्रधानाचार्य ----12472 -------10112व समकक्ष
प्रशासनिक अधिकारी----- 597------ 574
कोच व समकक्ष ----40------- 21
वरिष्ठ विधि अधिकारी -----12------ 6
व्याख्याता व समकक्ष ----54277 -------14833
पुस्तकालय अध्यक्ष ---42--------- 30श्रेणी प्रथम
पद ------------स्वीकृत ----------रिक्त
प्रोग्रामर ---------2 -----------------2
शारीरिक व्यायाम --265 ----------108शिक्षक
सहायक लेखा -----46 -------------24अधिकारी प्रथम
वरिष्ठ अध्यापक -----80821 --------24080
शारीरिक शिक्षक ------3508 --------1439श्रेणी द्वितीय
पुस्तकालय अध्यक्ष ----1113 ---------825श्रेणी द्वितीय
अतिरिक्त प्रशासनिक------- 1777 -------774अधिकारी
कनिष्ठ लेखाकार -----60------------- 36
प्रयोगशाला सहायक------- 450---------- 252
पुस्तकालय अध्यक्ष----- 2998-------- 1109श्रेणी तृतीय
अध्यापक----------- 26818-------- 20454
प्रयोगशाला-------- 1470 ------1174 परिचारक
बाधित हो रही पढ़ाई
प्रदेश के विद्यालयों में विभिन्न संवर्ग के शिक्षकों सहित मंत्रालय कर्मचारियों, शारीरिक शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक आदि सभी प्रकार के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पद रिक्त है। इससे पढ़ाई के साथ प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे है। सीधी भर्ती व विभागीय पदोन्नति समय पर करने से भी यह समस्या नहीं रहेगी।
-बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
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