राष्ट्रीय शिक्षा नीति : इस साल शुरू होगी चार वर्षीय बीएड डिग्री, 2030 से भर्ती में लागू होगी अनिवार्यता
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत बाल वाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक लिए शिक्षकों की नई न्यूनतम योग्यता तय कर दी गई है। 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक ही शिक्षक बन पाएंगे। इसमें बीए-बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड शामिल हैं।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 41 विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट में चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू हो रहा है। इसमें मेरिट से दाखिला मिलेगा। प्रत्येक बैच में 50 छात्र होंगे। कुछ विश्वविद्यालयों को दो-दो बैच में पढ़ाई की अनुमति भी दी गई है। एनसीटीई शैक्षणिक सत्र 2024-25 से चार वर्षीय आईटीईपी का दूसरा पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। फिलहाल दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम भी चलता रहेगा।
पहला पायलट प्रोजेक्ट इसी सत्र से 41 विश्वविद्यालयों में शुरू हो रहा है। यह पाठ्यक्रम नई स्कूल संरचना के चार चरणों यानि फाउंडेशनल प्राइमरी, मिडिल और सेकेंडरी के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा। आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा। बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन), समावेशी शिक्षा और भारत तथा इसके मूल्यों, कला, परंपराओं की समझ व अन्य विषयों का आधार भी स्थापित करेगा। पाठ्यक्रम पूरे अध्यापक शिक्षा क्षेत्र के पुनरुद्धार में योगदान देगा। भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से तैयार होने वाले शिक्षकों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं से परिचित करवाया जाएगा
मौजूदा पैटर्न में शिक्षक बनने में लगते हैं पांच साल, अपडेट प्रोग्राम में लगेंगे 4 साल : स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में बीए-बीएड,बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड पाठ्यक्रम कोर्स शुरू हो रहा है। यह एक दोहरी समग्र स्नातक डिग्री होगी। 12वीं कक्षा के बाद शिक्षक के रूप में करियर बनाने वाले अभ्यर्थी इसमें दाखिले ले सकते हैं। हालांकि कुछ समय तक पहले की तरह दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम भी फिलहाल चलता रहेगा। वर्तमान में छात्रों को तीन साल की स्नातक डिग्री और दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम की पढ़ाई करनी होती है। इसमें पांच वर्ष का समय लगता है, लेकिन नए प्रारूप के तहत चार वर्ष में शिक्षक डिग्री मिल जाएगी।
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