शिक्षा विभाग : ग्रीन बोर्ड के लिए भामाशाहों की जी हुजूरी!
शिक्षा विभाग की सरकारी विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड लगाने की योजना ग्रामीण क्षेत्र में गति नहीं पकड़ पा रही खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों को बोर्ड लगवाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल विभाग ने समस्त राजकीय विद्यालयों की सभी कक्षाओं में निर्धारित माप के ग्रीन बोर्ड लगवाने के निर्देश तो दे दिए, लेकिन इसके लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया। ग्रीन बोर्ड छात्र कोष / विद्यालय कोष सहित भामाशाह व दानदाताओं के सहयोग से लगने थे। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को भामाशाह व दानदातों को ढूंढने में परेशानी आ रही है।
शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय विद्यालयों को सभी कक्षाओं में 8 गुणा 4 फीट माप का ग्रीन बोर्ड लगवाने को कहा था। इसकी क्रियान्विति के लिए विद्यालय वार्षिक अनुदान मद की राशि का उपयोग करने के साथ ही सभी विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड लगाना सुनिश्चित किया गया था। बाद में वार्षिक अनुदान मद की राशि उपयोग के स्थान पर छात्र कोष व विद्यालय कोप का उपयोग ग्रीन बोर्ड खरीद पर किया जाना निरित किया गया। साथ ही क्षेत्रीय भामाशाह व दानदाताओं का सहयोग लिए जाने के लिए कहा गया। कक्षाओं में ग्रीन बोर्ड लगाने के लिए अतिरिक्त वजट उपलब्ध नहीं करवाया गया है। ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में काफी परेशानी हो रही है
ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं में नहीं लगे ग्रीन बोर्ड, विद्यालय प्रबंधन परेशान
खर्च अधिक आमदनी कम
अधिकांश विद्यालयों में छात्र व विद्यालय कोष में अधिक से अधिक करीब पांच या छह हजार रुपए ही जमा होती है। वो भी बजट आवंटित नहीं होने की स्थिति में विद्यालय के बिजली व पानी के बिल जमा कराने सहित अन्य आवश्यक कार्यों पर खर्च होती है। जबकि उच्च स्तर के प्रति बोर्ड खरीद पर दो से तीन हजार रुपए का खर्चा आता है। ऐसी स्थिति में कक्षाओं में ग्रीन बोर्ड लगवाने के लिए विद्यालय स्टाफ को भामाशाहों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
पांचवी की पुनर्गणना के लिए आवेदन 12 तक
अजमेर। पांचवीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए विद्यार्थियों के लिए पुनर्गणना के आवेदन की क्रया प्रारंभ हो चुकी है। अभ्यर्थी 12 जून तक संबंधित स्कूल में आवेदन प्रस्तुत करेंगे। पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं राजस्थान बीकानेर ने इस संबंध में सभी डाइट प्राचार्य को निर्देश जारी किए है। पांचवी बोर्ड परीक्षा की पुनर्गणना डाइट प्राचार्य के निर्देशन में ही होगी । वार्षिक परीक्षा के मुख्य चार विषयों की पुनर्गणना ही की जाएगी। सत्रांक की कोई पुनर्गणना नहीं होगी।
संबंधित संस्था प्रधानों को पुनर्गणना के लिए आवेदन 14 जून तक जमा कराने होंगे।
डाइट इन आवेदनों को 16 जून तक मूल्याकन केन्द्रों को भेजेगा। 17 से 22 जून तक मूल्याकन केन्द्र प्रभारियों की ओर से पुनर्गणना का कार्य किया जाएगा। पुनर्गणना के बाद परिणाम में बदलाव होने पर ऐसे अभ्यर्थियों की संशोधित अंक सूची 26 जून तक डाइट प्राचार्य को उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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