विद्यालय क्रमोन्नति का तोहफा: प्रदेश में 102, बाड़मेर जिले को मिले 90 उप्रावि
बाड़मेर . प्रदेश सरकार ने जिले के 102 प्राथमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत किया है जिसमें से 90 तो मात्र बाड़मेर जिले के ही है। यह शायद पहली बार होगा जब क्रमोन्नत विद्यालयों की सूची में चंद स्कूल छोड़ पूरे के पूरे एक जिले के विद्यालयों को क्रमोन्नत किया गया है। इसके पीछे मुख्यमंत्री के बाड़मेर दौरे के दौरान की गई घोषणा के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान बाड़मेर जिले को विद्यालय क्रमोन्नति का बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने प्रदेश के 102 प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत किया है जिसमें से 90 विद्यालय बाड़मेर जिले के हैं।
आठवीं तक हो सकेगी कक्षाएं संचालित- क्रमोन्नत विद्यालयों में छठीं से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया गया है। छठीं कक्षा आरम्भ में संचालित होगी। सातवीं व आठवीं की पढ़ाई भी इसी सत्र में आरम्भ हो सकती है लेकिन इसके लिए पर्याप्त नामांकन होना जरूरी है। पदों का आवंटन विभाग में आरक्षित पदों में से स्टाफिंग पैटर्न में निर्धारित मापदंडानुसार होगा। विद्यालय में कमरों का निर्माण समग्र शिक्षा अभियान, नाबार्ड, एमपीएलएडी अथवा जन सहयोग के माध्यम से किया जाएगा।
अन्य जिलों को इतने विद्यालय- सूची के अनुसार 102 में से 91 विद्यालय बाड़मेर के हैं। शेष जिलों में अलवर में एक, भरतपुर में दो, बीकानेर में दो, जयपुर में दो, जोधपुर में दो, नागौर में एक व सवाई माधोपुर में दो विद्यालय क्रमोन्नत हुए हैं। अन्य जिलों को एक भी विद्यालय क्रमोन्नति का तोहफा नहीं मिला। विद्यालय क्रमोन्नति अच्छी बात है लेकिन साथ ही शिक्षकों की व्यवस्था भी जाए तो ठीक है। पहले से क्रमोन्नत विद्यालयों में भी शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। पदरिक्तता के कारण विद्यालयों में नामांकन टूट रहा है। - बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

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