खुले आसमां तले पढ़ने की मजबूरी निमोद गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के हालात
गणेश्वर. निमोद गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के हाल बेहाल है। स्कूल के कमरें जर्जर हो गए हैं । बरसात के मौसम में सभी कमरों व कार्यालय की छत से पानी टपकता हैं। ऐसे में विद्यालय प्रशासन बच्चों को कमरे में बैठाने से डरते हैं। अध्यापक बच्चों को खुले आसमा तले बैठाकर पढाई करवा रहे हैं। विद्यालय का मुख्य गेट भी टूटा हुआ है। आवारा पशु दिनभर स्कूल परिसर में धमा चौकड़ी मचाते हैं तथा गंदगी फैलाते रहते हैं।
विद्यालय की समस्याओं की ओर न तो पंचायत प्रशासन और ना ही शिक्षा विभाग ध्यान दे रहा है। स्कूल स्टाफ, ग्रामीण व अभिभावक समस्याओं से अवगत करवाते करवाते थक गए। बरसात के दिनों में कक्षा कक्षों में सीलन रहती हैं। ग्रामीणों ने खेल मैदान का काम शुरू करवाने व कक्षा कक्षों की छत की मरम्मत करवाने की मांग की है।
छह महीने से बंद है खेल मैदान का काम
शिक्षा विभाग ने एक वर्ष पूर्व खेल मैदान को सहीं करवाने के लिए करीब 30 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इसके लिए ग्राम पंचायत प्रशासन ने खेल मैदान का काम शुरू करवा दिया था। तीन मिट्टी के डंपर डलवाकर काम बंद कर दिया गया। छह माह से काम बंद पड़ा हैं। इससे स्टाफ व छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। । मुख्य गेट टूटा हुआ होने से स्कूल परिसर में लगे पेड़ पौधे भी नष्ट हो रहे हैं।
छत की मरममत करवाना जरूरी है। बरसात के दिनों में सभी कक्षा कक्षों में पानी टपकता है। इससे भवन धीरे धीरे जर्जर होता जा रहा है। इसकी पीईईओ कार्यालय में सूचना दे दी गई है तथा गांव के भामाशाहों को भी अवगत करवाया गया है तथा-शंभुदयाल सैनी, प्रधानाध्यापक राउप्रावि निमोद
दिनभर होती है ब्लास्टिंग
खनन क्षेत्र होने के कारण बच्चे दिनभर भय के साये में रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में पत्थरों की काफी लीज व खान हैं। जहां दिनभर ब्लास्टिंग होती रहती है। इससे उछलने वाले पत्थरों से हादसा होने के खतरा रहता है
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