
स्कूल व कॉलेजों में दाखिले की दौड़ शुरू, सैन्य अकादमी में इंतजार....
सीकर. मोहनपुरा में महाराव शेखाजी सशस्त्र सैन्य एकेडमी खुलने का लंबा होता इंतजार सरकारी दावों की पोल खोलने के साथ युवाओं का सपना तोड़ रहा है। चार महीने पहले निष्पादन समिति की बैठक में एकेडमी में इसी सत्र में 100 विद्यार्थियों के प्रवेश का मसौदा तय किया गया था। निदेशक सहित अन्य स्टाफ की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी करने पर भी सहमति बनी थी। पर अब तक ना तो स्टाफ की भर्ती और ना ही विद्यार्थियों के प्रवेश की कोई कवायद शुरू हुई है। इसके चलते एकेडमी में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों में मायूसी है। इस सत्र में एकेडमी नहीं खुलने की आशंका से छात्रों ने दूसरे कोर्स चुनना भी शुरू कर दिया है।
100 विद्यार्थियों के प्रवेश व भर्ती पर बनी थी सहमति
मार्च महीने में अकादमी की निष्पादक समिति की तीसरी बैठक में एकेडमी में 100 सीटों पर प्रवेश का फैसला हुआ था। स्कूल शिक्षा विभाग की एसीएस अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में हुई बैठक में कक्षा 11 व 12 के 50-50 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाना तय हुआ था। अकादमी के निदेशक सहित अन्य पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी करने का प्रस्ताव भी अनुमोदित हुआ था। पर अब तक ना तो प्रवेश की कोई कवायद हुई ना ही स्टाफ की भर्ती की।
पहले जमीन विवाद में अटका काम
एकेडमी का काम पहले जमीन विवाद की वजह से साढ़े तीन साल तक अटका रहा। दरअसल, अकादमी निर्माण के लिए 10.30 हैक्टयेर जमीन की जरूरत थी। इसमें से 4.02 हेक्टेयर भूमि तो शुरु में आवंटित हो गई, लेकिन मंदिर माफी की होने की वजह से बाकी 6.28 हेक्टेयर भूमि का आवंटन रुक गया था। बाद में देव स्थान विभाग से सहमति के बाद बाकी जमीन का आवंटन हुआ।
सबसे पहले इस प्रोजेक्ट की घोषणा केन्द्र सरकार ने 2017 में की थी। इसके बाद दो मार्च 2019 में तत्कालीन शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्दसिंंह डोटासरा, दांतारामगढ़ विधायक वीरेन्द्रसिंह, श्रीमाधोपुर विधायक दीपेन्द्रसिंह शेखावत, महाराव शेखाजी संस्थान के अध्यक्ष राव राजेन्द्रसिंह शाहपुरा ने सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमी का शिलान्यास किया था।जीणमाता के पास मोहनपुरा में सैन्य एकेडमी को पहले अगस्त महीने में शुरू करने की तैयारी थी। इसके लिए समग्र शिक्षा व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निर्माण कार्य का निरीक्षण कर उसमें तेजी लाने का प्रयास भी किया। पर अब भी भवन का करीब 70 फीसदी काम ही पूरा हुआ है। भवन के कुछ हिस्सों में अभी पलस्तर बाकी है। रंग- रौगन व फर्नीचर आदि का काम जोड़ेें तो मौजूदा गति के हिसाब से काम पूरा होने में अब भी करीब तीन महीने का समय लगेगा।
यूथ का दर्द
एकेडमी भवन का काम जारी
महाराव शेखाजी सशस्त्र एकेडमी के भवन का काम जारी है। भवन का काम पूरा होने के बाद ही इसमें प्रवेश की कवायद होगी।इसमें दाखिला होने से यहां के युवाओं को काफी फायदा मिलेगा।-वीरेंद्र सिंह, दांतारामगढ़ विधायक
मुख्यालय के निर्देशानुसार हो रहा है काम
एकेडमी अगस्त महीने में खोलने की बात थी। इस संबंध में भवन निर्माण का निरीक्षण भी किया गया था। अभी भवन निर्माण का काम चल रहा है। मुख्यालय से निर्देश के अनुसार काम किया जा रहा है।-शीशराम कुलहरी, डीईओ, सीकर
सैन्य अकादमी से हमारे युवाओं को एनडीए की तैयारी के बेहतर विकल्प के द्वार खुलेंगे। अकादमी में देरी की वजह से युवाओं को मजबूरी में निजी एकेडमी में जाना पड़ रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार को सैन्य अकादमी के प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकक्षर व केन्द्र सरकार की कोर्डिनेशन कमेटी बनानी चाहिए। इसमें सेना के अधिकारियों को शामिल करना चाहिए, जिससे युवाओं को उनके अनुभवों का भी फायदा मिल सके।
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केस एक: मजबूरी में जाना पड़ेगा निजी में
सीकर निवासी राजेश चौधरी ने बताया कि बचपन से सपना सेना में अफसर बनने का है। इसके लिए दसवीं कक्षा से तैयारी भी शुरू कर दी। पिछले साल सीकर में ही महाराव शेखाजी एकेडमी शुरू होने की जानकारी मिली। लेकिन दाखिले की कवायद अभी तक शुरू नहीं हुई है। उन्होंने बताया यदि जल्द एकेडमी शुरू नहीं होती है तो मजबूरी में निजी एकेडमी में जाना पड़ेगा।
केस दो: मोहाली की तर्ज पर हो संचालन
महाराव शेखाजी अकादमी का संचालन भी मोहाली की एकेडमी की तर्ज पर होना चाहिए। सीकर निवासी कार्तिक शेषमा ने बताया कि सरकार को इस महीने में प्रवेश प्रक्रिया की विज्ञप्ति जारी करनी चाहिए जिससे कॅरियर चयन को उलझन नहीं बढ़े। उन्होंने बताया कि देरी से युवाओं को आर्थिक नुकसान होना तय है।
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