बड़ा बदलाव: देश में 1 अक्टूबर से जन्म-मृत्यु पंजीयन के नए नियमसिर्फ जन्म प्रमाण पत्र से ही बन जाएंगे आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी
नई दिल्ली | अब आप शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने, आधार या पासपोर्ट बनवाने, शादी के रजिस्ट्रेशन या फिर सरकारी नौकरी में नियुक्ति जैसे सारे काम सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र से करवा सकेंगे। जन्म प्रमाण पत्र इन सारे कामों के लिए एकल दस्तावेज के रूप में काम करेगा। संसद के मानसून सत्र में पारित जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 1 अक्टूबर से देश भर में प्रभावी होने जा रहा है। 13 सितंबर को रजिस्ट्रार जनरल मृत्युंजय कुमार नारायण द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, संशोधित अधिनियम रजिस्ट्रार जनरल को पंजीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का अधिकार देता है।
इनके लिए एकल दस्तावेज रहेगा बर्थ सर्टिफिकेट
- आधार- पासपोर्ट
- विवाह पंजीकरण
- सरकारी नौकरी
- शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश
- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना
- मतदाता सूची तैयार करना
ये अहम बदलाव करने की मंजूरी दी गई
- जन्म के मामलों में, माता-पिता व सूचना देने वाले को आधार नंबर देना अनिवार्य होगा। जेल में जन्म के मामले में जेलर और होटल या लॉज में जन्म होने पर मैनेजर को अपना आधार नंबर देना होगा।
- राज्यों के मुख्य रजिस्ट्रार पंजीकृत जन्म व मृत्यु के डेटा को राष्ट्रीय डेटाबेस में साझा करने के लिए बाध्य होंगे।
- किसी कार्रवाई या आदेश के खिलाफ जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकेगी। हालांकि ऐसा 30 दिन के भीतर ही करना होगा। जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार को अपील की तारीख से 90 दिन में फैसला देना जरूरी होगा।
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