पेपर लीक मामला:कटारा गिरफ्तार, खुद व पत्नी के नाम करोड़ों की संपत्ति, बेटा 2 साल में ही करोड़पति हुआ
पेपर लीक मामले में आरपीएससी के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा और दलाल शेरसिंह मीणा को ईडी ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। कई छापे और करीब दाे दर्जन लाेगाें से पूछताछ के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की। ईडी ने दोनों को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर लिया है। सूत्राें के मुताबिक, ईडी को वित्तीय ट्रांजेक्शन के संबंध में कई जानकारियां मिली हैं, जिससे कई प्रतिष्ठित लाेग कठघरे में खड़े हाे सकते हैं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने पेपर लीक मामले में करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए ईडी में शिकायत की थी।
इस पर ईडी ने प्राथमिकी दर्ज कर पेपर लीक के आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई तो प्रॉपर्टी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में मामला दर्ज किया। इसके बाद कटारा, सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण और शेर सिंह मीणा की करीब 3.11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की। इससे पहले ईडी ने 28 जगह छापेमारी की थी। कलाम काेचिंग पर भी छापे मारे थे। बता दें कि कटारा अप्रैल से जेल में है। सरकार ने बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल को रेफरेंस भेजा है। पूरी प्रक्रिया के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा। ऐसे में कटारा की बर्खास्तगी में अभी समय लगेगा।
इन सवालों के जवाब मांगेगी ईडी
कितने पेपर लीक किए व कितने रुपए लिए?
पेपर लीक में किन-किन की भूमिका?
रुपयों का वितरण हुआ था क्या?
आय से अधिक प्राॅपर्टी कैसे बनाई?
आरपीएससी मेंबर बनने क्या किसी लाेकल नेता काे 1.75 कराेड़ रुपए दिए?
पाॅलिटिकल किस तरह की सांठगांठ रही?
आरपीएससी मेंबर रहते कटारा को मिला 72 लाख वेतन, इसी बीच बेटे के नाम खरीद ली एक करोड़ की संपत्तियां
एसओजी और ईडी के साथ एसीबी ने भी पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा के खिलाफ एफआईआर दर्ज शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एजेंसी कटारा की संपत्तियों की जांच कर रही है। भास्कर ने बाबूलाल की संपत्तियों के ब्योरे की पड़ताल की तो आंकड़े हैरान करने वाले मिले।
बाबूलाल ने 35 साल की नौकरी में कुल 3.41 करोड़ रुपए की आय अर्जित की। लेकिन इस बीच 3.79 करोड़ रु. की संपत्तियां बनाईं और 1.70 करोड़ रुपए खर्च किए, जो वेतन से 2.08 करोड़ रुपए यानी कुल संपत्ति से 61.21% रुपए ज्यादा है। चौंकाने वाला खुलासा यह है कि बाबूलाल 15 अक्टूबर 2020 से 18 अप्रैल 2023 तक आरपीएससी मेंबर रहे। इस दौरान 72.60 लाख वेतन मिला, जबकि बेटे डॉ. दीपेश कटारा के नाम 1 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बना ली। जबकि दीपेश साल 2021 में ही एमबीबीएस से पास आउट हुआ है।
वहीं, अमरपुरा खेरवाड़ा उदयपुर निवासी साले हीरालाल मीणा (कलासुआ) ने बहन यानी कटारा की पत्नी शांतिदेवी को 27 लाख 23 हजार 658 का उदयपुर के सवीना खेड़ा में मकान दान दिया। जबकि हीरालाल की खुद की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। एजेंसी परिवार की नामी-बेनामी, चल-अचल संपत्तियों, शेयर, म्युचुअल फंड, बांड, बीमा पॉलिसी आदि की भी जांच कर रही है। एबीसी के सीआई हरिशचंद्र सिंह ने कटारा के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जिसकी जांच की जा रही है।
बच्चों की शादी-पढ़ाई आदि पर 1.70 करोड़ खर्च, 73 लाख का अब तक सत्यापन नहीं
कटारा के बेटे दीपेश के नाम दर्ज संपत्तियां
6 जनवरी 2023 को 10 लाख 88300 में मालपुर डूंगरपुर में कृषि भूमि खरीदी।
2022 में डूंगरपुर में हॉस्पिटल मार्ग पर 27 लाख 20300 का भूखंड, मालपुर में 1 लाख 90125 की कृषि भूमि खरीदी।
2021 में मालपुर में 2 लाख 13 हजार की कृषि भूमि और 11 लाख 1956 रु. की जमीन नाथूगामड़ा में खरीदी।
धूमणिया फला पाल नाथूगामड़ा में 18 लाख 28164 की जमीन।
32 लाख का चाैपहिया खरीदा।
कटारा के नाम ये संपत्तियां मिलीं
एसओजी ने 18 अप्रैल 2023 को कटारा को गिरफ्तार किया। घर से 51 लाख नकद व 29 लाख 70 हजार के आभूषण मिले।
26 दिसंबर 2022 को मालपुरा डूंगरपुर में 1 करोड़ 87 लाख का भूखंड खरीदा।
5 जुलाई 2012 को मालपुर में 15 लाख रुपए का भूखंड।
एसबीआई सेक्टर-14 में 6 लाख 6063 रु.।
पीएनबी डूंगरपुर के खाते में 1 लाख 5229 व राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक उदयपुर में 15 हजार 251 रुपए मिले।
पत्नी शांतिदेवी के नाम संपत्तियां
मार्च 2015 को भाई हीरालाल कलासुआ ने 27 लाख 23 हजार का सवीना खेड़ा उदयपुर में भूखंड गिफ्ट दिया।
राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक उदयपुर में 19 लाख 107 रुपए जमा।
डूंगरपुर में 53 लाख की पैतृक की संपत्ति।
खर्च- बेटी मंजू, दुर्गावती, संगीता और बेटे दीपेश की पढ़ाई पर 83. 57 लाख, शादी पर 50 लाख सहित 1.70 करोड़ खर्च किए।
73 लाख 78 हजार 906 रुपए के व्यय का अब तक सत्यापन नहीं हो सका है।

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