परिषद‍ीय विद्यालयों की अवकाश तालिका वर्ष 2025 देखें व करें डाउनलोड

👇Primary Ka Master Latest Updates👇

शनिवार, 16 सितंबर 2023

पंचायतीराज विभाग; तबादला नीति लागू की, लेकिन बैन नहीं हटाया, आचार संहिता लगी तो फायदा नहीं



 पंचायतीराज विभाग; तबादला नीति लागू की, लेकिन बैन नहीं हटाया, आचार संहिता लगी तो फायदा नहीं

पंचायतीराज विभाग ने कुछ दिन पहले तबादला नीति तो लागू कर दी लेकिन अभी तक तबादलों से बैन नहीं हटाया। इससे पंचायतीराज विभाग के कर्मचारी उलझन में हैं। क्योंकि, विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। यदि आचार संहिता लग गई तो तबादलों का मामला अटक जाएगा। तबादले शुरू करने की घोषणा के बाद प्रदेश के करीब दो हजार से ज्यादा पंचायती राज कर्मचारियों को उम्मीद जागी थी, लेकिन अब चिंता बढ़ गई है।


पंचायती राज कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष ओमप्रकाश पंवार बताते हैं कि सरकार ने दो महीने पहले तबादले शुरू करने की घोषणा की थी। इससे राज्य भर के दो हजार से ज्यादा पंचायती राज कर्मियों की आस जगी की एक साल से लगातार मांग करने के बाद अब तबादला करवा सकेंगे। लेकिन दो माह बाद भी तबादलों की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि कर्मियों को चिंता है कि अक्टूबर में आचार संहिता लग सकती है। इसके बाद इस सरकार में तबादला होना मुश्किल है। कर्मचारी संगठन की मांग है कि आचार संहिता लगने से पहले तबादले किए जाने चाहिए।


नई नीति मे असाध्य रोग से पीड़ित कर्मी को गृह जिला प्रस्तावित

जारी की गई नई तबादला नीति में कई शर्तों के साथ छूट का दायरा रखा गया। मेडिकल बोर्ड, सक्षम स्तर से प्रमाणित असाध्य रोग (कैंसर, मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े, किडनी के गंभीर अथवा अन्य प्राण घातक रोग) से ग्रसित कार्मिक, उनके पति, पत्नी, अविवाहित होने की स्थिति में कर्मियों के माता-पिता के असाध्य रोग होने पर गृह जिला दिया जाना प्रस्तावित है। दिव्यांगजन, जो अपना कार्य स्वयं करने में सामान्यतः अक्षम है। (70% से अधिक प्रमाणित निःशक्तता) विधवा और परित्यक्ता महिलाएं। महिलाएं, जिनके पति अन्य जिले में राजकीय पद पर हैं। अन्य ऐसे प्रकरण, जिसे राज्य सरकार की ओर से प्रशासनिक कारणों से स्थानान्तरण के लिए योग्य माना जाए।


नीति जारी करते हुए विभाग द्वारा तय किया गया था कि कर्मचारियों की एसएसओ आईडी से ही स्थानान्तरण, पदस्थापन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। जिस जिले में कर्मचारी जाना चाहता है, वहां स्पष्ट पद रिक्त होना चाहिए। अनुसूचित क्षेत्र के कार्मिकों का अंतरजिला स्थानान्तरण अनुसूचित क्षेत्र में ही किया जा सकेगा। इस नीति के अन्तर्गत किए गए कर्मचारी के स्थानान्तरण स्वैच्छिक आधार पर होने से कर्मचारी को यात्रा भत्ता, कार्यग्रहण काल अथवा स्थानान्तरण पर मिलने वाला कोई परिलाभ देय नहीं होगा। जिले में निर्धारित श्रेणी की रिक्तियों के लिए सम्बन्धित मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद से ली गई सूचना के आधार पर स्थानान्तरण व पदस्थापन किया जाएगा



एक साल से कर्मचारी ट्रांसफर को लेकर आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन बड़े स्तर का हुआ तो सरकार ने तबादला नीति जारी कर कर्मियों को राजी कर दिया। दो महीने बीत जाने के बाद उस नीति पर कोई काम नही हो रहा हैं। प्रदेश के दो हजार से ज्यादा कर्मी तबादलेका इंतजार कर रहे हैं। बाबूलाल धाबाई, प्रदेश कोषाध्यक्ष, पंचायती संगठन राजस्थान 

 विभाग अभी इस पर काम कर रहा है। तबादले कब से होंगे यह मुख्यमंत्री के स्तर पर फैसला होना है।  रमेश चंद मीणा, पंचायती - राज मंत्री

पंचायतीराज विभाग; तबादला नीति लागू की, लेकिन बैन नहीं हटाया, आचार संहिता लगी तो फायदा नहीं Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें