हिंदी का ऐसा सम्मान: विद्यालयों में हिंदी के 443 पद खाली पड़े
अजमेर | हिंदी दिवस के मौके पर शहर के शैक्षणिक संस्थानों में कई आयोजन होंगे। हिंदी विषय में पास होने वाले विद्यार्थियों की तादाद भी 95 प्रतिशत से ज्यादा ही है, लेकिन स्कूल से यूनिवर्सिटी तक हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षकों का भारी टोटा है। जिले के स्कूलों में हिंदी के शिक्षकों के स्वीकृत 65 प्रतिशत से ज्यादा खाली हैं।
अजमेर ( केकड़ी और ब्यावर सहित) के राजकीय स्कूलों में हिंदी के व्याख्याताओं के कुल 425 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 121 पद रिक्त हैं। हिंदी के वरिष्ठ अध्यापकों के स्वीकृत पद 234 हैं और इनमें से 226 पद रिक्त हैं। सैकंड ग्रेड हिंदी शिक्षकों के स्वीकृत पद 100 हैं और इनमें से 96 पद रिक्त हैं। ऐसे में हिंदी के विद्यार्थी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। संभाग के सबसे बड़े कॉलेज एसपीसी जीसीए में हिंदी विभाग में 9 में से महज दो ही बचे हैं।
संभाग के सबसे बड़े कॉलेज में हिंदी के दो ही शिक्षक
संभाग का सबसे बड़ा कॉलेज एसपीसी जीसीए जहां 250 से ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन हिंदी विभाग में महज दो ही शिक्षक बचे हैं। कॉलेज में इस विभाग के लिए 9 पद स्वीकृत हैं। यहां 2 ही शिक्षक हैं। इनमें से एक असिस्टेंट और एक एसोसिएट प्रोफेसर है।
एमडीएसयू में विभाग तो है पर शिक्षक लगाए ही नहीं । सबसे हास्यास्पद स्थिति एमडीएस यूनिवर्सिटी की हैं। यहां 2015 में हिंदी विभाग शुरू किया गया था। लेकिन कभी इस विभाग में नियमित शिक्षक की भर्ती नहीं की गई। एमए पूर्वार्द्ध और उत्तरार्द्ध में 20-20 सीट हैं। लेकिन यहां एडमिशन 5 से 10 के बीच ही रहे हैं। पिछले साल पूर्वार्द्ध में 19 एडमिशन हुए थे। इस बार 5 के ही एडमिशन हुए हैं
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