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बुधवार, 13 सितंबर 2023

प्रदेश के 5 लाख युवाओं को रीट का इंतजार, एक माह की देरी से अगली सरकार बनने तक टल जाएगी परीक्षा

 

प्रदेश के 5 लाख युवाओं को रीट का इंतजार, एक माह की देरी से अगली सरकार बनने तक टल जाएगी परीक्षा

प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा युवाओं को ग्रेड थर्ड शिक्षकों के लिए अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) का इंतजार है। रीट के आयोजन के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास अब एक महीने का ही वक्त बचा है। देरी हुई तो प्रदेश के बीएड डिग्री धारी व बीएसटीसी अभ्यर्थियों को नई सरकार बनने तक इंतजार करना होगा। अगले महीने आचार संहिता व दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनावों की व्यस्तता के कारण कर्मचारी चयन बोर्ड शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश में समय पर द्वारा प्रस्तावित सूचना सहायक, कनिष्ठ लेखाकार सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं को टाल दिया गया है। अब ये फरवरी 2024 में होंगी। 


पात्रता और भर्ती परीक्षाओं में देरी के कारण प्रदेश के बेरोजगारों में सरकार के प्रति नाराजगी है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के 7 जून को जयपुर के त्रिवेणी नगर में आयोजित हुए युवा बेरोजगार महासम्मेलन में मंत्री कल्ला ने हर साल रीट करवाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन बोर्ड स्तर पर तीन महीने गुजरने के बावजूद भी आवेदन प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं होने से प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार रह जाएंगे। प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 में आरटेट के रूप में हुई थी। दूसरी बार 2012 में करवाई गई। इन दोनों परीक्षाओं में न्यूनतम अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण किए जाने का विवाद हुआ। विवाद का हल 2016 में उच्चतम न्यायालय द्वारा किया गया। इसके बाद 2015 व 2017 में यह परीक्षा रीट के नाम से हुई थी। बोर्ड ने 2022 में अंतिम रीट परीक्षा करवाई थी।



हर वर्ष सवा लाख युवा ले रहे हैं डिग्री

शिक्षक बनने के लिए प्रदेश में हर साल सवा लाख युवा बीएड-बीएसटीसी की डिग्री ले रहे हैं। हाई कोर्ट अधिवक्ता संदीप कलवानिया का कहना है कि देश में अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के बाद एनसीईटी ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता लागू की। एनसीईटी ने हर साल परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पिछले 12 सालों में अब तक छह ही बार रीट आयोजित हुई है। जबकि केंद्र द्वारा करवाई जा रही सीटेट हर साल आयोजित हो रही है। 


अगर राज्य सरकार व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीटेट की प्रक्रिया को अपनाते हुए हर साल रीट करवाए तो हर साल डिग्री लेने वाले प्रदेश के 1.70 युवा रोजगार पा सकेंगे। रीट में देरी होने से आवेदकों की संख्या बढ़ जाती है। इससे सरकार को परीक्षा करवाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। 2021 में तीन साल बाद रीट होने से प्रदेश में लेवल वन व लेवल टू में 25 लाख अभ्यर्थियों ने एग्जाम में हिस्सा लिया

प्रदेश के 5 लाख युवाओं को रीट का इंतजार, एक माह की देरी से अगली सरकार बनने तक टल जाएगी परीक्षा Rating: 4.5 Diposkan Oleh: UP BASIC NEWS

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