राज्य से नहीं, कर्मचारियों के साथ केन्द्र का एनपीएस पर समझौता,मूल कटौती राशि दस फीसदी प्रॉफिट के साथ लौटाए केन्द्र
जयपुर ओपीएस को लेकर चुनावी साल में केन्द्र और राज्य के बीच र जारी है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के जवाब बाद अब राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए राज्य सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम के तहत पीएफआरडीए में नमा राजस्थान का 39000 करोड़ वापस लौटाने का आग्रह किया है। वहीं दूसरी ओर पंजाब छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारों ने भी राजस्थान की तर्ज पर ओपीएस लागू कर चुकी है ।
केन्द्र का क्या है जवाब
राजस्थान सरकार ओपीएस लागू करने के बाद केन्द्र से न्यू पेंशन स्कीम के तहत पीएफआरडीए में नमा 29000 करोड़ की मूल कटौती राशि के साथ 10 प्रतिशत प्रेफिट भी मांग रही है, जो कुल 39000 करोड़ है। राज्य की डिमांड पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से तर्क दिया गया कि एनपीएस के लिए कर्मचारियों के साथ केन्द्र का समझौता है, ऐसे में राज्य सरकार को यह राशि नहीं लौटाई जा सकती। ऐसे में अब पीएम को इस मामले में हस्तक्षेप के लिए पत्र लिखा गया है।
पीएफआरडीए से जमा का 25 फीसदी विड्रो की छूट
न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों का जो पैसा काटा गया, वह पेंशन फंड रेगुलेटरी डवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में जमा होता था। राज्य सरकार एनपीएस को खत्म करके ओएस लागू कर चुकी है। इसके बाद सरकार ने पीएफआरडीए में जमा 39000 करोड़ वापस लौटने की से मांग की है। पीएफआरडीए एक्ट में यह प्रावधान है कि कर्मचारी इस फंड में से खुद के हिस्से का 25 प्रतिशत पैसा कभी भी निकाल सकता है। ओपीएस लागू होने के बाद कई कर्मचारियों ने इस फंड से पैसा निकालना शुरू कर दिया था, जिसपर राज्य सरकार ने रोक भी लगाई।
अभी ये शामिल
राज्य सरकार के विभित्र महकमो के 5.35 लाख राज्य कर्मचारी ओपीएस के दायरे में आ चुके है, इनका राज्यशिरशिरी राज्य सरकार वहन कर रही है, जबकि निगम बोर्ड व अन्य संस्थाओं के 1 35 लाख कर्मचारियों को सौगात देने की तैयारी है। इन पर चित्त विभाग में भवन चल रहा है। इसके लिए कभी भरवाए जा रहे है। 1.35 लाख कर्मचारियों के ओपीएस में शमिल होने पर इनकी 50 प्रतिशत हिस्सा राशि संबंधित निगम, बोर्ड वहन करेगा ।
जमा होता है पैसा एनपीएस में क्या खास
वर्ष 2004 से लागू हुई नई पेंशन स्कीम का निर्धारण कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न के अनुसार होता है। इसमें कर्मचारी का येोगदान उसकी बेसिक सैलरी और डीए का दस प्रतिशत कर्मचारियों का प्राप्त होता है। इतना ही सहयोग राज्य सरकार देती है। पीएफआरडीए में वह पैसा जमा होता है। एक मई 2009 से एनपीएस स्कीम लागू की गई ।
ओपीएस में क्या खास.....
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के वेतन की 40 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में दी जाती है, क्योंकि पुरानी स्कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आकड़ों के अनुसार होता । इसके लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है। रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है। इसमें जीपीएफ का प्रावधान है। इससे सरकारी खजाने पर ज्यादा असर पड़ता है।
विड्रो के 500 करोड़ जमा
पीएफआरडीए एक्ट के तहत राज्य के कर्मचारियों ने फंड में जमा राशि में से स्वयं के हिस्से की राशि विड़ो करते हुए करीब 590 करोड़ रुपए निकाले। राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों को विड़ी की राशि जमा करने के निर्देश दिए। इसके लिए कई बार अंतिम तिथि भी तय की गई, लेकिन सख्ती के बाद अब तक करीब 500 करोड़ रुपए जमा हो चुके है। महज 90 करोड़ की राशि बाकी है। फिलहाल इसके जमा की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक है।
एनपीएस के तहत जो कटौती की गई थी, उस राशि की केन्द्र डिमांड की जा रही है फिर से केन्द्र को पत्र लिखा गया है। -एस.जेड. शाहिद संयुक्त सचिव द्वितीय, वित्त
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