माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में उपनिदेशक के पद का जिम्मा प्रिंसिपल को, बोर्ड के पद पटरी पर आए, शिक्षा विभाग के हुए बेपटरी !
अजमेर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में हाल ही दो सौ पदों से ज्यादा पर हुई पदोन्नति के बाद जहां बोर्ड कैडर के पद पटरी पर आ गए हैं वहीं बोर्ड को आवंटित शिक्षा विभाग के पदों पर गंभीर विसंगति और विवाद बरकरार है। हालांकि बोर्ड प्रशासन स्वयं इस विसंगति को सुलझाने में सक्षम है। संभागीय आयुक्त व वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक सी.आर.मीणा के प्रभावी दखल व बोर्ड स्टाफ के सहयोगी रुख के चलते बोर्ड के होम कैडर में उप निदेशक स्तर तक के पदों पर पदोन्नति की गई है। जिनमें बोर्ड संवर्ग के सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुख्य परीक्षा नियंत्रक के पद पर राजेश निर्वाण को नियमित पदोन्नति प्रदान कर अन्य पदों पर पर भी कार्मिकों को वरिष्ठतानुरूप पदोन्नत किया गया है। इस कवायद से बोर्ड संवर्ग के प्रमुख प्रशासनिक पदों पर काफी हद तक पात्र अफसरों ने पदोन्नति के बाद नियमित रूप से कामकाज शुरू कर दिया है।
शिक्षा विभागीय पद बेपटरी
लेकिन, इस कवायद के बीच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को आवंटित शिक्षा विभाग के उप निदेशक स्तर का निदेशक (शैक्षिक) का पद गत काफी समय से दो स्तर निचले अधिकारी से भरा होने के कारण विसंगतिपूर्ण होने के साथ विवादित भी चला आ रहा है।
उप निदेशक के पद पर प्रिंसिपल
बोर्ड के पद संवर्ग में राज्य सरकार द्वारा निदेशक(शैक्षिक) व वरिष्ठ सहायक निदेशक के पद मूलत: शिक्षा विभाग से आवंटित किए हुुए हैं। निदेशक(शैक्षिक) का पद जहां शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रैंक के समकक्ष है वहीं सीनियर ए.डी. का पद प्रधानाचार्य लेवल का है। लेकिन बोर्ड में निदेशक के पद पर गत एक साल से जूनियर लेवल का प्रिंसिपल लगा हुआ है। उधर, उसके अधीनस्थ सीनियर ए.डी. के पद पर भी निदेशक (शैक्षिक) के पद पर कार्यरत अधिकारी से सीनियर प्रिंसिपल को लगाया हुआ है।
कागजी रहे सरकारी आदेश
राज्य सरकार द्वारा बोर्ड में इसी माह शिक्षा विभागीय पद पर उपयुक्त संवर्ग की महिला अधिकारी का पदस्थापन करने के बावजूद महज सात दिनों में आदेश बदल दिए जाने से सरकारी मंशा भी सवालिया हो गई है। शिक्षा (ग्रुप-2) विभाग के 12 सितंबर को जारी आदेश में उप निदेशक पद पर पदोन्नत ओमवती पारीक का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में समान संवर्ग के निदेशक(शैक्षिक) पद पर पदस्थापन किया गया था। लेकिन वहां पूर्व से पदस्थ प्रधानाचार्य राकेश स्वामी के कारण वे कार्य ग्रहण नहीं कर सकीं। हालांकि बोर्ड प्रशासन के पास उन्हें संबंधित पद पर कार्यग्रहण करवाए जाने का स्पष्ट विकल्प मौजूद था। लेकिन बोर्ड प्रशासन तक मामला ही नहीं पहुंचा बताया जा रहा है। इसके बाद राज्य सरकार ने 19 सितंबर को नया आदेश जारी कर पारीक का पदस्थापन निरस्त कर उन्हें पूर्वानुसार टीटी कॉलेज अजमेर में ही लगा दिया।
गंभीर विसंगति यह भी. . .
बोर्ड के निदेशक(शैक्षिक) पद पर कार्यरत अधिकारी के मामले में दूसरी बड़ी विसंगति उससे वरिष्ठ समान संवर्ग के प्रधानाचार्य का उनके अधीन होना बताया जा रहा है। सितंबर 2022 को शिक्षा निदेशक के आदेश से वर्ष 2018 की डीपीसी वाले प्रधानाचार्य राकेश स्वामी को टोंक से बोर्ड में लगाए जाने पर उन्हें उप निदेशक स्तर के मौजूदा उच्चतर पद का प्रभार दिया गया था। जबकि इसी अनुभाग में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ सहायक निदेशक के अन्य पद पर राकेश स्वामी से वरिष्ठता में तीन साल सीनियर 2015 की डीपीसी के प्रिंसिपल दिनेश ओझा को लगाया हुआ है।
इनका कहना है. . .
बोर्ड के पदों पर तो पूरी पारदर्शिता से पदोन्नति कर पदस्थापन किए गए हैं। बोर्ड स्टाफ संतुष्ट है। शिक्षा विभाग के जिस पद का विवाद है वह मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जो मूल पद है उस पर उसी कैडर का अधिकारी होना चाहिए। यदि ऐसी कोई बात थी तो संबंधित अधिकारी को मुझे जानकारी देनी चाहिए थी।-सी.आर. मीणा संभागीय आयुक्त व बोर्ड प्रशासक

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