Teacher Promotion : शैक्षिक नियमों में संशोधन से 50 हजार शिक्षकों की पदोन्नति का खुलेगा रास्ता
जोधपुर. स्कूल शिक्षा विभाग में शैक्षिक सेवा नियम 2021 के कारण 3 वर्षों से पदोन्नतियां अटकी है। ऐसे में सरकार आचार संहिता से पहले शिक्षकों की पदोन्नति संबंधित नाराजगी को दूर करने में लगी है। सेवा नियम संशोधन नहीं होने से विद्यालयों में हजारों पद खाली पड़े हैं। प्रदेश के कई ऐसे विद्यालय हैं जो प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी अध्यापक के रिक्त पदों से जूझ रहे हैं। एक ओर सरकार ने शिक्षा के प्रति सजगता दिखाते हुए प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालय में परिवर्तित कर मिसाल पेश की है, वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण शैक्षिक माहौल नहीं दिख रहा है।
जोधपुर में प्रधानाचार्य के 290 पद रिक्त
पूरे प्रदेश में 18873 सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जिसमें से प्रधानाचार्य के 17112 पद स्वीकृत किए है। इनमें 11383 पदों पर कार्यरत है तथा 5729 पद रिक्त पड़े है। इसी तरह जोधपुर में 982 उच्च माध्यमिक विद्यालय में 853 पद स्वीकृत किए गए है। जिनमें से 563 पद पर कार्यरत होने से 290 पद रिक्त पड़े है। ऐसे में शैक्षिक नियम में संशोधन के अभाव से हजारों शिक्षक 3 वर्षों से पदोन्नति की मार झेल रहे है।
प्रदेश में आचार संहिता लगने से पहले कैबिनेट की बैठक में हजारों शिक्षकों की पदोन्नति होने की उम्मीद है। इसमें सेवा नियम संशोधन के सात बिंदुओं के प्रस्ताव सम्मिलित हो सकते हैं। यूजी पीजी समान विषयों की पदोन्नति में छूट, उप प्राचार्य से प्रधानाचार्य पदोन्नति में छूट, एग्रीकल्चर व्याख्याता भर्ती के नियमों में संशोधन, वाणिज्य व्याख्याता भर्ती में संशोधन, व्याख्याता विशेष शिक्षा के पद सर्जन के प्रस्ताव सम्मिलित करने के साथ शिक्षकों के सभी श्रेणी के रिक्त पदों को भरने से ही शिक्षा की गुणवत्ता में इजाफा हो सकता है।-नवीन देवड़ा, जिलाध्यक्ष, रेसला जोधपुर

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