नहीं छूटेगा होमवर्क,डिजिटल क्लास है ना
सीकर. किसी दौर में विद्यार्थियों की स्कूल, कॉलेज व कोचिंग से क्लास मिस होती तो अगले दिन दोस्तों की मान-मनुहार कर कॉपी लेनी पड़ती, ताकि क्लास टीचर की होमवर्क अधूरा होने पर डांट नहीं पड़े। लेकिन बदले दौर में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल क्लास सहारा बनी हुई है। शिक्षानगरी सीकर के साथ प्रदेश के कई जिलों की शिक्षण संस्थाओं ने कोरोना से पहले ही डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ कदम आगे बढ़ाना शुरू कर दिए थे। कोरोना के दौर में इस नवाचार से नई राहें भी खुली तो शिक्षानगरी की डिजिटल लाईब्रेरी ने और तेजी से रफ्तार पकड़ी। शिक्षागरी में रोजाना 35 हजारसे अधिक विद्यार्थियों को रोजाना डिजिटल क्लास से फायदा मिल रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि रोजाना नए कटेंट के साथ 700 से अधिक वीडियो विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड भी हो रहे हैं।
35 हजार विद्यार्थियों को मिल रहा फायदा
कोरोना के दौर में रिकॉर्डेड क्लासेज के साथ लाइव क्लासेज को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखने को मिला। शिक्षानगरी में अब भी डिजिटल लाईब्रेरी की पहल जारी है। शिक्षानगरी के लगभग 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को रोजाना डिजिटल लाईब्रेरी का फायदा मिलता है।-डॉ. पीयूष सुण्डा, एक्सपर्ट, सीकर
2018 में शुरू,ज्यादातर ने अपनाया नवाचार
शिक्षानगरी में वर्ष 2018 में डिजिटल लाईब्रेरी की शुरूआत की तो कई ने उपयोगिता पर सवाल खडे़ किए। लेकिन बदलते माहौल में विद्यार्थियों की ओर से भी लगातार डिजिटल लाईब्रेरी की मांग की जा रही है। कोरोना के बाद डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ विद्यार्थियों का रूझान भी बढ़ा है।-शंकर बगड़िया, एक्सपर्ट, सीकर
कोरोनाकाल में शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों के लर्निंग गैप को कम करने के लिए डिजिटल क्लास की पहल शुरू की। विभाग के एक्सपर्ट की ओर से विभाग के पोर्टल पर लगातार रिकॉर्डेड वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। कई स्कूलों में विषय अध्यापक की कमी की वजह से कोर्स पूरा नहीं हो सका। लेकिन वीडियो लाईब्रेरी के जरिए विभाग ने कोर्स पूरा कराया। विभाग के इस नवाचार से विद्यार्थियों को काफी फायदा मिला है।
चार दिन नानी के गया, वीडियो लाईब्रेरी ने रोका लर्निंग गैप
जयपुर निवासी छात्र प्रतीक कुमार ने बताया कि वह शिक्षानगरी की एक स्कूल में कक्षा ग्यारवीं में अध्यनरत है। पिछले दिनों नैनिहाल में कोई कार्यक्रम था। इस वजह से चार दिन की क्लास छूट गई। इसके बाद स्कूल की वीडियो लाईब्रेरी का सहारा लिया तो टॉपिक की तैयारी भी हो गई और होमवर्क भी पूरा कर लिया।
रिविजन करने में भी मिल रही पूरी मदद
सीकर निवासी छात्रा ने बताया कि वह बारहवीं के साथ पिछले एक साल से जेईई की तैयारी में जुटी है। पहले तैयारी के लिए नोट्स काफी अहम सहारा होते थे। लेकिन अब डिजिटल लाईब्रेरी से भी रिविजन में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि डाउट दूर करने में भी डिजिटल लाईब्रेरी एक बेहतर प्लेटफॉर्म है।
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